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Hindi News भारत राजनीति 'जैसे अयोध्या हुआ, वैसे ही काशी-मथुरा हो जाएगा', उमा भारती बोलीं- आंदोलन की जरूरत नहीं होगी

'जैसे अयोध्या हुआ, वैसे ही काशी-मथुरा हो जाएगा', उमा भारती बोलीं- आंदोलन की जरूरत नहीं होगी

अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन चुका है। ऐसे में भाजपा नेता उमा भारती ने काशी और मथुरा को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इन मंदिरों के लिए आंदोलन करने की जरूरत नहीं होगी, कोर्ट जो फैसला देगा वो सबको मान्य होगा।

BJP leader Uma Bharti says Just like Ayodhya Kashi and Mathura will also get their due- India TV Hindi Image Source : ANI काशी और मथुरा को लेकर उमा भारती ने दिया बयान

अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन चुका है। इस बीच अब भाजपा नेता उमा भारती ने काशी और मथुरा को लेकर एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या की तरह काशी और मथुरा को भी उनका हक मिलेगा। इस बार कोई आंदोलन नहीं होगा क्योंकि अयोध्या में सबूत खोदने पड़े थे, लेकिन काशी और मथुरा में खुदाई की जरूरत नहीं है। सबूत मौजूद है। मुसलमानों को अदालत में जाने का अधिकार है। वे अदालत द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे अयोध्या हुआ वैसे ही काशी और मथुरा हो जाएगा। 

काशी-मथुरा पर क्या बोलीं उमा भारती

उमा भारती ने कहा कि अयोध्या में खुदाई के बाद प्रमाण मिला था। लेकिन काशी और मथुरा में खुदाई के बगैर प्रमाण मिले हैं। इसलिए कोर्ट प्रमाणों के आधार पर जो निर्णय देगा, उस निर्णय को हम मानेंगे। लेकिन हमारी आस्था रहेगी कि उस स्थान पर मंदिर का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि इस देश का मुसलमान हिंदू के बराबर ही कानून का अधिकार रखता है। उन्हें कोर्ट जाने का अधिकार है। लेकिन फिर कोर्ट जो फैसला सुनाए वह उन्हें स्वीकार होना चाहिए। बता दें कि काशी के ज्ञानवापी का मामला इन दिनों कोर्ट में चल रहा है। बीते दिनों व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति भी दे दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मामला

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद समिति की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। बता दें कि 19 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टाइटल सूट को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि वाराणसी में मस्जिद वाली जगह पर मंदिर के पुनर्स्थापना की मांग करने वाले मुकदमें सुनवाई योग्य हैं। बता दें कि शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस सुनाव को लेकर कहा कि हम इस मामले को मुख्य मामले के साथ जोड़ेंगे।

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