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Hindi News भारत राजनीति क्या भगवान राम और पांडव परिवारवादी थे? कांग्रेस के सत्याग्रह में प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला

क्या भगवान राम और पांडव परिवारवादी थे? कांग्रेस के सत्याग्रह में प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर हमला

कांग्रेस के संकल्प सत्याग्रह के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे शहीद पिता का अपमान संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे का अपमान किया जाता है उन्हें मीर जाफर कहा जाता है। मेरी मां का अपमान किया जाता है।

संकल्प सत्याग्रह में बोलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी- India TV Hindi Image Source : ANI संकल्प सत्याग्रह में बोलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी

कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनके समर्थन में रविवार को दिल्ली के राजघाट पर एकदिवसीय ‘संकल्प सत्याग्रह’ शुरू किया। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल, पी चिदंबरम और सलमान खुर्शीद समेत कई नेता राजघाट पर सत्याग्रह में शामिल हुए। इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे शहीद पिता का अपमान संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे का अपमान किया जाता है उन्हें मीर जाफर कहा जाता है। मेरी मां का अपमान किया जाता है। आपके मंत्री कहते हैं कि इनके पिता कौन हैं? आपके प्रधानमंत्री गांधी परिवार के लिए कहते हैं कि ये नेहरू उपनाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? आप पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती।

"पूरी सरकार एक आदमी को बचाने की इतनी कोशिश क्यों कर रही"
प्रियंका ने कहा कि आप परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे? क्या वो परिवारवादी थे? क्या पांडव परिवारवादी थे? और हमें क्या शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के लिए शहीद हुए? अहंकारी, तानाशाह जब जवाब नहीं दे पाते तो पूरी सत्ता को लेकर जनता को दबाने की कोशिश करते हैं। आपने कभी सोचा है ये पूरी सरकार एक आदमी को बचाने की इतनी कोशिश क्यों कर रही है? इस अडानी में है क्या कि आप इसे देश की सारी संपत्ति दे रहे हैं। ये अडानी है कौन कि इनका नाम सुनते ही आप बौखला जाते हैं?

"इस धरती को मेरे परिवार ने अपने खून से सींचा है"
प्रियंका गांधी ने कहा कि जो सोचता है कि हमें अपमानित करके डरा आएंगे, धमका आएंगे और एजेंसियों को लगाकर हम पर छापे मारकर हमारे खिलाफ कुछ भी करेंगे, वह गलत सोचते हो। इस धरती को मेरे परिवार ने अपने खून से सींचा है। हम और मजबूती से लड़ेंगे और लोकतंत्र के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। इस देश के लोकतंत्र की नींव कांग्रेस पार्टी के महापुरुषों ने डाली है। कांग्रेस ने इस देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और आज भी इस देश की आजादी के लिए ही लड़ रही है।

"क्या आपको दिखाई नहीं दे रहा कि आपकी संपत्तियां लूटी जा रहीं"
राजघाट पर कांग्रेस महासचिव ने कहा, "क्या आपको दिखाई नहीं दे रहा कि आप की संपत्तियां लूटी जा रही हैं और एक आदमी को दी जा रही हैं। गिने-चुने उद्योगपतियों को सब कुछ दिया जा रहा है, आखिर यह संपत्ति किसकी है क्या यह राहुल गांधी की है? आप गैस सिलेंडर के लिए हजार रुपए दे रहे हैं और यहां आपकी सारी संपत्ति किसी और को सौंपी जा रही है। यह पीएसयू आपके लिए बनाए गए हैं। एक के बाद इनको बेचे जा रहे हैं। इसी से आपका रोजगार आता है। राहुल गांधी ने कौन सा ऐसा जुर्म कर लिया जो आप से 2 सवाल पूछ लिए। आप जवाब नहीं दे पाए और घबरा गए। 

"शहीद के बेटे को आप देशद्रोही और मीरजाफर कहते हैं"
प्रियंका ने कहा, "मेरे शहीद पिता का अपमान भरी संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे को आप देशद्रोही और मीरजाफर कहते हैं, उसकी मां का अपमान करते हैं। आप के मंत्री भरी संसद में मेरी मां का अपमान करते हैं। आप के एक मंत्री कहते हैं कि राहुल गांधी को पता नहीं है कि उसके पिता कौन हैं। आपके प्रधानमंत्री भरी संसद में कहते हैं कि यह परिवार नेहरू के नाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करता, वह पूरे परिवार का अपमान करते हैं, कश्मीरी पंडितों के रिवाज का अपमान करते हैं। 

"आप पर कोई मुकदमा या कोई सजा नहीं होती"
कांग्रेस महासचिव ने कहा, "एक बेटा बाप के मरने पर परिवार की पगड़ी पहनता है और परंपरा आगे बढ़ाता है। आप उस विश्वास का अपमान करते हैं लेकिन आप पर कोई मुकदमा नहीं होता ना आपको कोई सजा होती है। आपको कोई संसद से बाहर नहीं निकलता। आपको कोई नहीं कहता कि आप सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकते। आप हमारे परिवार का अपमान करते गए। संसद में मेरे भाई ने मोदी जी को गले लगाया और कहा कि मैं आपसे नफरत नहीं करता हूं। हमारी विचारधारा अलग है लेकिन हमारी नफरत की विचारधारा नहीं है।

राजघाट पर सत्याग्रह की इजाजत नहीं, धारा 144 लागू
धरना स्थल पर जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, पवन कुमार बंसल, शक्तिसिंह गोहिल, ज्योतिमणि, प्रतिभा सिंह और मनीष चतरथ भी मौजूद थे। पुलिस ने राजघाट पर सत्याग्रह की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद पार्टी के कई नेताओं ने प्रदर्शन में भाग लिया और परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए। दिल्ली पुलिस ने एक पत्र में कहा कि कानून-व्यवस्था एवं यातायात संबंधी कारणों से सत्याग्रह करने के अनुरोध को खारिज किया गया और राजघाट में एवं इसके आसपास दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

(इनपुट- शोएब रजा)

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