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Hindi News भारत राजनीति "जीना यहां, मरना यहां...", फारूक अब्दुल्ला ने संसद परिसर में गुनगुनाया ये गाना, पठान फिल्म को लेकर कही ये बातें

"जीना यहां, मरना यहां...", फारूक अब्दुल्ला ने संसद परिसर में गुनगुनाया ये गाना, पठान फिल्म को लेकर कही ये बातें

लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार यह कहती थी कि आर्टिकल 370 खत्म होगा, तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन इसे खत्म हुए कितने साल हो गए, क्या आतंकवाद खत्म हुआ?

फारूक अब्दुल्ला- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं। संसद भवन परिसर में 'मेरा नाम जोकर' फिल्म का एक फेमस गाना गुनगुनाया। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद और कश्मीरी पंडितों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। घाटी में ड्यूटी ज्वॉइन नहीं करने वाले कश्मीरी पंडितों को सैलरी नहीं देने के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के ऐलान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि कश्मीरी पंडित घाटी क्यों नहीं जाना चाहते हैं। 

संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को यह समझना चाहिए कि कश्मीरी पंडित घाटी में क्यों नहीं जाना चाहते, क्योंकि वहां सुरक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार यह कहती थी कि आर्टिकल 370 खत्म होगा, तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन इसे खत्म हुए कितने साल हो गए, क्या आतंकवाद खत्म हुआ? ऐसे में क्या बेचारे कश्मीरी पंडित वहां मरने जाएंगे। नागरिकता कार्ड के मसले पर उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हम सबके पास वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड और पैन कार्ड है और भला कौन सा कार्ड चाहिए।

'देश को बचाने के लिए सीमा पर सेना, हम सब तैयार'

चीन के साथ तनाव के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह 1962 का भारत नहीं है। सेना देश को बचाने के लिए सीमा पर खड़ी है और आज हम सब तैयार है। चीन को अब गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए, अब उसको उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन जंग के मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यह कह चुके हैं कि जंग का जमाना खत्म हो गया, इसलिए बातचीत होती रहनी चाहिए।

'...लेकिन देश छोड़ने से नफरतें दूर नहीं होंगी'

आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के देश को मुसलमानों के लिए असुरक्षित बताने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां।" गाने को गुनगुनाते हुए कहा कि यह सही है कि देश जरूर मुश्किल दौर से गुजर रहा है, नफरतें बढ़ गई हैं, लेकिन देश छोड़ने से नफरतें दूर नहीं होंगी। देश में रहकर इस आग को दूर करना पड़ेगा, खत्म करना पड़ेगा। 

'गाय हिंदुओं की और बैल मुसलमानों का?'

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के रामराज्य का मतलब था सब बराबर है और एक साथ मिलकर हमें आगे बढ़ना है, लेकिन अब हालत यह हो गई है कि शाहरुख खान के फिल्म के कपड़े के रंग को लेकर भी हंगामा हो रहा है। क्या इसका मतलब यह है कि भगवा हिंदुओं का है और हरा मुसलमानों का? यह क्या है? गाय हिंदुओं की और बैल मुसलमानों का?

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