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लखीमपुर हिंसा: SIT रिपोर्ट पर राहुल ने मोदी सरकार को घेरा, अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाने की मांग

इस मामले के प्रमुख आरोपी आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं और इस घटना के बाद से विपक्षी दल उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।

लखीमपुर हिंसा: SIT रिपोर्ट पर राहुल ने मोदी सरकार को घेरा, अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाने की मांग- India TV Hindi Image Source : PTI लखीमपुर हिंसा: SIT रिपोर्ट पर राहुल ने मोदी सरकार को घेरा, अजय मिश्रा को मंत्री पद से हटाने की मांग

Highlights

  • पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाएं-राहुल गांधी
  • मोदी जी, फिर से माफ़ी मांगने का टाइम आ गया-राहुल गांधी

Lakhimpur kheri violence SIT report लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एसआईटी की रिपोर्ट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सच सामने है, और आरोपी आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से हटाने की मांग की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है-मोदी जी, फिर से माफ़ी मांगने का टाइम आ गया… लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ। सच सामने है! 

इस मामले के प्रमुख आरोपी आशीष मिश्रा के पिता अजय मिश्रा टेनी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हैं और इस घटना के बाद से विपक्षी दल उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर रहे हैं। अब जबकि एसआईटी रिपोर्ट में यह साफ तौर पर कहा गया है कि लखीमपुर की घटना सोची-समझी प्लानिंग के तहत की गई थी। इसके बाद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला शुरू कर दिया है।

लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे एसआईटी ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया। एसआईटी के मुख्य जांच निरीक्षक विद्याराम दिवाकर ने मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में दिये गये आवेदन में आरोपियों के विरुद्ध उपरोक्‍त आरोपों की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का अनुरोध किया है।

वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एस पी यादव ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांचकर्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाने), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), 304 ए (लापरवाही से मौत का कारण), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 34 (समान इरादों से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) से बदलने का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू समेत उसके 13 साथियों द्वारा लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। 

जांच अधिकारी दिवाकर ने सीजेएम को दिये गये आवेदन में उपरोक्‍त मुकदमे का संदर्भ देते हुए कहा है कि मुकदमा अपराध संख्या 219/21 में धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304 ए, 302 और 120 बी के तहत आशीष मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके तहत आरोपी आशीष मिश्रा समेत कुल 13 लोगों को उपरोक्‍त धाराओं में गिरफ्तार किया गया। एसपीओ के मुताबिक जांच अधिकारी ने सीजेएम को भेजे गये आवेदन में कहा है कि अब तक की विवेचना व संकलित साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ है कि आरोपियों द्वारा आपराधिक कृत्य को लापरवाही से नहीं बल्कि जानबूझकर सुनियोजित साजिश के तहत जान से मारने की नीयत से किया गया, जिससे पांच लोगों की मृत्यु हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। 

जांच अधिकारी ने इस मामले में आईपीसी की धाराओं 279, 338 और 304 ए को हटा दिया और आईपीसी की धारा 307, 326, 34 और धारा 3/25/30 (शस्त्र अधिनियम) को जोड़ा है। एसआईटी ने इस मामले में आईपीसी की अन्‍य धाराएं 147, 148, 149, 302 और 120 बी को बरकरार रखा है। यादव ने कहा, ‘‘मुख्य जांच अधिकारी ने अदालत से 13 आरोपियों के वारंट में सुधार करने का आग्रह किया, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।’’ लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा का किसानों द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसान, एक पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता और एक चालक की मौत हो गई थी। 

इनपुट-भाषा

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