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Hindi News भारत राजनीति National Emblem: विपक्ष ने कहा- गुस्साए हुए लग रहे हैं 'सेंट्रल विस्टा' के शेर, BJP ने दिया करारा जवाब

National Emblem: विपक्ष ने कहा- गुस्साए हुए लग रहे हैं 'सेंट्रल विस्टा' के शेर, BJP ने दिया करारा जवाब

National Emblem: "विपक्षी दल किसी न किसी बहाने प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाना चाहते हैं। यह लोगों को गुमराह कर माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।"

New national Symbol of central Vista- India TV Hindi Image Source : ANI New national Symbol of central Vista

Highlights

  • विपक्ष ने पीएम मोदी को नेशनल सिंबल के स्वरूप के लिए घेरा
  • "भारत के नेशनल सिंबल का अपमान है"
  • "माहौल बिगाड़ना चाहता है विपक्ष"

National Emblem: विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को सरकार पर अशोक की लाट के मोहक और राजसी शान वाले शेरों की जगह गुस्साए शेरों का चित्रण कर नेशनल सिंबल के स्वरूप को बदलने का आरोप लगाया और इसे तुरंत बदलने की मांग की है। वहीं भाजपा (BJP) ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की एक और साजिश बताकर खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर नेशनल सिंबल का अनावरण किया था। इस दौरान आयोजित समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश उपस्थित थे। 

विपक्ष ने बताया नेशनल सिंबल का है अपमान

विपक्ष ने मोदी पर संविधान के नियमों को तोड़ने और समारोह में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं करने को लेकर निशाना साधा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "सारनाथ स्थित अशोक के स्तंभ पर शेरों के चरित्र और प्रकृति को पूरी तरह से बदल देना भारत के नेशनल सिंबल का अपमान है।" वहीं तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने कहा, "सच कहा जाए, सत्यमेव जयते से संघीमेव जयते की भावना पूरी हुई है।’’ 

विपक्ष पीएम को बना रहा निशाना

भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा के सदस्य अनिल बलूनी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के आरोपों की मूल वजह उनकी कुंठा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में, अंग्रेजों द्वारा 150 साल पहले बनाए गए संसद भवन की जगह भारत अपना नया संसद भवन बना रहा है। उन्होंने आगे कहा, "विपक्षी दल किसी न किसी बहाने प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाना चाहते हैं। यह लोगों को गुमराह कर माहौल बिगाड़ना चाहते  हैं।"

"दोनों में कोई अंतर नहीं"

शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जोर दिया कि यदि सारनाथ स्थित नेशनल सिंबल के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर बने प्रतीक के आकार को छोटा किया जाए, तो दोनों में कोई अंतर नहीं होगा। पुरी ने कहा, "सारनाथ स्थित मूल प्रतीक 1.6 मीटर ऊंचा है जबकि नए संसद भवन के ऊपर बना प्रतीक विशाल और 6.5 मीटर ऊंचा है।"

इतिहासकार एस.इरफान हबीब ने जताई आपत्ति

इतिहासकार एस.इरफान हबीब ने भी नए संसद भवन की छत पर स्थापित नेशनल सिंबल पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ पूरी तरह अनावश्यक है और इससे बचा जाना चाहिए। हमारे शेर अति क्रूर और बेचैनी से भरे क्यों दिख रहे हैं? ये अशोक की लाट के शेर हैं जिसे 1950 में स्वतंत्र भारत में अपनाया गया था।’’ 
वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा, "गांधी से गोडसे तक, शान से और शांति से बैठे हमारे शेरों वाले राष्ट्रीय प्रतीक से लेकर सेंट्रल विस्टा में निर्माणाधीन नए संसद भवन की छत पर लगे उग्र और दांत दिखाते शेरों वाले नए नेशनल सिंबल तक। यह मोदी का नया भारत है।" 

भाजपा के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा, कोई बदलाव नहीं है। विपक्ष 2D तस्वीरों की तुलना भव्य 3D संरचना से कर रहा है। 

अधीर रंजन चौधरी और जवाहर सरकार ने किया ट्वीट

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट किया, "नरेंद्र मोदी जी, कृपया शेर का चेहरा देखिए। क्या यह महान सारनाथ की प्रतिमा को परिलक्षित कर रहा है या गिरि के शेर का बिगड़ा हुआ स्वरूप है। कृपया इसे देखिए और जरूरत हो तो इसे दुरुस्त कीजिए।" 
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक के दो अलग-अलग चित्रों को साझा करते हुए ट्वीट किया, "यह हमारे राष्ट्रीय प्रतीक का, अशोक की लाट में चित्रित शानदार शेरों का अपमान है। बांयी ओर मूल चित्र है। मोहक और राजसी शान वाले शेरों का। दांयी तरफ मोदी वाले राष्ट्रीय प्रतीक का चित्र है जिसे नए संसद भवन की छत पर लगाया गया है। इसमें गुर्राते हुए, अनावश्यक रूप से उग्र और बेडौल शेरों का चित्रण है। शर्मनाक! इसे तत्काल बदलिए।"

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