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Hindi News भारत राजनीति नए संसद भवन में PM मोदी बोले- 'मिच्छामी दुक्कड़म', पढ़ें भाषण की बड़ी बातें

नए संसद भवन में PM मोदी बोले- 'मिच्छामी दुक्कड़म', पढ़ें भाषण की बड़ी बातें

पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपना पहला भाषण पढ़ा। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह संसद के सभी सदस्यों और देश की जनता से 'मिच्छामी दुक्कड़म' कहना चाहते हैं। बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही आज से नए संसद भवन में शुरू हो चुकी है।

PM Modi - India TV Hindi Image Source : TWITTER@BJP4INDIA नई संसद में पीएम मोदी

नई दिल्ली: आज नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई। इस मौके पर पीएम मोदी ने सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं इस नए संसद भवन में आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। यह आजादी के अमृत काल की सुबह है।

चंद्रयान-3 और G-20 का जिक्र 

पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की गगनचूमी सफलता हर देशवासी को गर्व से भर देती है। भारत की अध्यक्षता में G-20 का असाधारण आयोजन विश्व में इच्छित प्रभाव प्राप्त करने जैसी अनूठी उपलब्धियां हासिल करने का अवसर बन गया। इसी आलोक में आधुनिक भारत और प्राचीन लोकतंत्र के प्रतीक 'नए संसद भवन' का शुभारंभ हुआ है।

पीएम ने कहा'मिच्छामी दुक्कड़म'

पीएम ने कहा कि आज संवत्सरी भी मनाई जाती है, यह एक अद्भुत परंपरा है। आज वह दिन है, जब हम कहते हैं 'मिच्छामी दुक्कड़म'। इससे हमें किसी ऐसे व्यक्ति से माफी मांगने का मौका मिलता है जिसे हमने जानबूझकर या अनजाने में ठेस पहुंचाई है। मैं संसद के सभी सदस्यों और देश की जनता से भी 'मिच्छामी दुक्कड़म' कहना चाहता हूं।

चुनाव को लेकर पीएम ने कही ये बात 

पीएम मोदी ने कहा कि अभी चुनाव तो दूर है और जितना समय हमारे पास बचा है, मैं पक्का मानता हूं कि यहां जो व्यवहार होगा, ये निर्धारित करेगा कि कौन यहां बैठने के लिए व्यवहार करता है और कौन वहां बैठने के लिए व्यवहार करता है।

अतीत की हर कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है: पीएम 

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम एक नई शुरुआत कर रहे हैं, तब हमें अतीत की हर कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ना है। हम यहां से हमारे आचरण, वाणी और संकल्पों से जो भी करेंगे, वो देश के लिए, हर नागरिक के लिए प्रेरणा का कारण बनना चाहिए। हम सबको इस दायित्व को निभाने के लिए भरसक प्रयास भी करना चाहिए। भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावना भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का सर्वोच्च स्थान है। ये संसद दलहित के लिए नहीं है। हमारे संविधान निर्माताओं ने इस पवित्र संस्था का निर्माण दलहित के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ देशहित के लिए किया था।

भारतीय महिलाओं की ताकत देख रही है दुनिया: पीएम 

पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति, नीति और शक्ति का इस्तेमाल समाज में प्रभावी बदलाव का एक बहुत बड़ा माध्यम होता है। इसलिए स्पेस हो या स्पोर्ट्स हो, स्टार्टअप्स हों या एलएचजी हो, हर क्षेत्र में दुनिया भारतीय महिलाओं की ताकत देख रही है। सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि महिलाओं के नेतृत्व को बल दें। महिला सशक्तिकरण की हमारी हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं। हर देश की विकास यात्रा में ऐसे मील के पत्थर आते हैं, जब वो गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का ये पल, आज का ये दिवस इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला है।

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