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Hindi News भारत राजनीति विवादित बयान के बाद भी रमेश बिधूड़ी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, सचिन पायलट के गढ़ के बनाए गए प्रभारी

विवादित बयान के बाद भी रमेश बिधूड़ी को मिली बड़ी जिम्मेदारी, सचिन पायलट के गढ़ के बनाए गए प्रभारी

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को पार्टी ने राजस्थान विधानसभा के लिए टोंक का जिला प्रभारी नियुक्त किया है। संसद में दानिश अली के खिलाफ बयान देकर चर्चा में आए बिधूड़ी संसद से निलंबन की मांग उठ रही है। विपक्ष के सांसद बिधूड़ी के निलंबन की मांग कर रहे हैं।

रमेश बिधूड़ी, बीजेपी सांसद- India TV Hindi Image Source : पीटीआई रमेश बिधूड़ी, बीजेपी सांसद

नई दिल्ली: लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है। उन्हें राजस्थान के टोंक जिले का पार्टी प्रभारी बनाया गया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव में बिधूड़ी सचिन पायलट के गढ़ टोंक में पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाएंगे। रमेश बिधूड़ी दक्षिण दिल्ली से बीजेपी के सांसद हैं और हाल में संसद में बयान देकर चर्चा में आए हैं। जिस जिले टोंक की जिम्मेदारी पार्टी ने उन्हें दी है वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका है।

पार्टी अध्यक्ष नड्डा से मिले थे बिधूड़ी

इससे पहले रमेश बिधूड़ी ने सोमवार को सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की। बिधूड़ी ने नड्डा से बीजेपी मुख्यालय में मुलाकात की। इससे कुछ दिन पहले उनकी टिप्पणी के लिए पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। बैठक में क्या चर्चा हुई, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कई विपक्षी दलों की इस मांग के बीच कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई करें, भाजपा के कई सांसदों ने भी उन्हें पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि दानिश अली ने बिधूड़ी को ‘उकसाया’। भाजपा नेताओं ने बसपा सांसद के बयानों की जांच की भी मांग की है। 

विपक्ष ने कार्रवाई का दबाव बढ़ाया

उधर विपक्ष ने भी रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर दबाव बढ़ा दिया है। लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश, जो घटना के समय पीठासीन सभापति के रूप में संचालन कर रहे थे, उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने बिधूड़ी को तत्काल निलंबित करने की मांग करते हुए बिरला को चिट्टी लिखी है। सुरेश ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह घटना के समय सदन में शोर-शराबे और अनुवाद सेवाएं बहुत अच्छी नहीं होने की वजह से बिधूड़ी के शब्दों का सही अर्थ नहीं समझ सके, हालांकि उन्होंने सदस्यों के रुख को भांपते हुए विवादित टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया था।

बीजेपी ने जांच समिति गठित करने की मांग की

बिधूड़ी के बयानों को लेकर भाजपा आलोचना का सामना कर रही है। इस बीच, पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में अली के आचरण पर सवाल उठाया और अध्यक्ष से लोकसभा में बसपा सांसद और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) तथा द्रविंड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) जैसे दलों के सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आग्रह किया। दुबे ने शनिवार को कहा कि लोकसभा अध्यक्ष को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के ‘अशोभनीय’ आचरण और टिप्पणियों की भी जांच करनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में विधूड़ी के भाषण के दौरान टोका-टोकी करने तथा अप्रिय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया एवं कहा कि उनके ऐसा करने का मकसद उन्हें (बिधूड़ी को) उकसाना था कि वह अपना धैर्य खो दें। 

बता दें कि लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर चर्चा के दौरान रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी पर हंगामा मच गया था। बिधूड़ी जब संसद में अपनी बात रख रहे थे उसी बीच दानिश अली ने टोका-टोकी की। इससे गुस्से में आकर बिधूड़ी ने अमर्यादित टिप्पणी की।  बिधूड़ी की टिप्पणी से आहत बीएसपी सांसद दानश अली ने कहा था कि अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वह सदन की सदस्यता छोड़ने पर विचार कर सकते हैं। (इनपुट-एजेंसी)

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