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Hindi News भारत राजनीति अर्थव्यवस्था का फिर से खड़ा होना तो दूर, यह अभी पटरी पर भी नहीं आई है: कांग्रेस

अर्थव्यवस्था का फिर से खड़ा होना तो दूर, यह अभी पटरी पर भी नहीं आई है: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था का फिर से खड़ा होना तो दूर, यह अभी पटरी पर भी नहीं आई है।

Congress, Congress GDP, Congress Economy GDP, Congress GDP Chidambaram- India TV Hindi Image Source : PTI कांग्रेस ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था अभी वर्ष 2019-20 के स्तर तक नहीं पहुंची है।

Highlights

  • कांग्रेस ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था अभी वर्ष 2019-20 के स्तर तक नहीं पहुंची है।
  • मुख्य रूप से तुलनात्मक आधार का प्रभाव कम होने से वृद्धि दर की रफ्तार धीमी हुई है।

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने 2021-22 की दूसरी तिमाही में विकास दर के 8.4 प्रतिशत रहने को लेकर मंगलवार को दावा किया कि अर्थव्यवस्था अभी वर्ष 2019-20 के स्तर तक नहीं पहुंची है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘साल 2021-22 की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत थी, जबकि इसके पहले के वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान GDP वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विकास दर 8.4 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल की इस अवधि के दौरान जीडीपी विकास दर में 7.4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी।’

‘अर्थव्यवस्था अभी पटरी पर भी नहीं आई है’
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया, ‘वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में GDP 35.73 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि कोरोना महामारी से पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही में यह 35.84 लाख करोड़ रुपये थी। GDP अभी 2019-20 के स्तर पर नहीं पहुंची। अर्थव्यवस्था का फिर से खड़ा होना तो दूर, यह अभी पटरी पर भी नहीं आई है।’ देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में धीमी पड़कर 8.4 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से तुलनात्मक आधार का प्रभाव कम होने से वृद्धि दर की रफ्तार धीमी हुई है।

लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर पड़ा था गहरा असर
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी। वहीं पिछले साल अपैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बता दें कि सरकार ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया था। इसका आर्थिक गतिविधियों पर गहरा असर देखा गया था। इस साल भी अप्रैल के मध्य में विनाशकारी महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए राज्यों ने इसके रोकथाम के लिये कई तरह की पाबंदियां लगायी थीं।

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