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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश बंगाल: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का बयान, रामनवमी जुलूस में शामिल किए जाएंगे हथियार, रैली रोकी तो संघर्ष तय

बंगाल: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का बयान, रामनवमी जुलूस में शामिल किए जाएंगे हथियार, रैली रोकी तो संघर्ष तय

कुछ दिन पहले ही ममता सरकार ने एक दशक से भी अधिक समय से रामनवमी मनाते आ रहे हैं संगठनों को सशस्त्र जुलूस निकालने की विशेष इजाजत दी है।

<p>बंगाल बीजेपी नेताओं...- India TV Hindi बंगाल बीजेपी नेताओं के साथ पीएम मोदी।

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को कहा कि परंपरा के तहत इस साल भी रामनवमी पर प्रदेश के कुछ स्थानों पर जुलूस में हथियार शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बार इस अवसर को पिछले बार से कहीं ज्यादा भव्य तरीके से और बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार करते हुए घोष ने कहा कि 'रामनवमी का अब तक विरोध करने वाले लोग' भी बहुसंख्यक समाज का समर्थन पाने के लिए इसे मनाने के लिए उत्सुक हैं। घोष ने फोन पर बताया, "इस बार का रामनवमी उत्सव पिछली बार की तुलना में ज्यादा भव्य और विशाल होगा। अकेले कोलकाता में पांच या छह विशाल रैलियां निकाली जाएगीं।

प्रमुख शहरों और जिला मुख्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी उसी उत्साह से रैलियां निकाली जाएगीं।" उन्होंने कहा, "इस साल तृणमूल कांग्रेस द्वारा भी यह उत्सव मनाने के कारण प्रतिस्पर्धा हो रही है। कुछ समय पहले तक बंगाल में कम लोकप्रिय रामनवमी अब राज्य में सबसे बड़े पर्वो में शामिल होने वाली है।" घोष खुद पश्चिमी मिदनापुर के खड़गपुर में ऐसी ही एक रैली में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ रैलियों में 'परंपरागत हिंदू हथियार' होंगे लेकिन उन्होंने इनकी जगह और संख्या नहीं बताई।  उन्होंने कहा, "दोनों तरह, शस्त्र समेत और बिना शस्त्र की रैलियां निकाली जाएंगी। यह स्थानीय पार्टी नेतृत्व या संबंधित संगठन द्वारा तय किया जाएगा। प्रशासन ने अगर बल प्रयोग कर रैली रोकने का प्रयास किया तो संघर्ष भी हो सकता है।"

घोष का बयान उस दिन आया है जब पश्चिमी मिदनापुर में रामनवमी की तैयारियों के सिलसिले में निकली रैली में एक व्यक्ति को तलवार लहराते देखा गया। इसी तरह वीरभूम जिले के सूरी में एक रैली में भगवान राम का नाम जप रहे हिंदू जागरण मंच के लोगों के हाथ में त्रिशूल थे। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक स्थान पर हथियार के प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध में ढिलाई देते हुए कहा था कि एक दशक से ज्यादा समय से रामनवमी मनाने वाले संगठनों को रैली में हथियार ले जाने के लिए विशेष अनुमति दी जाएगी।

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