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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में CBI ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट, आनंद गिरी सहित तीन के नाम

महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले में CBI ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट, आनंद गिरी सहित तीन के नाम

चार्जशीट में कहा गया है कि महंत नरेंद्र गिरी की हत्या के कोई सबूत नहीं मिले हैं। घबराए नरेंद्र गिरि की आत्महत्या से मौत हुई है।

आरोपी आनंद गिरी- India TV Hindi Image Source : PTI आरोपी आनंद गिरी

Highlights

  • आनंद गिरी ने नरेंद्र गिरी को ब्लैकमेल किया था
  • आनंद गिरी ने वीडियो लीक करने की धमकी दी थी
  • कई लोगों को दिखाया था वीडियो

प्रयागराज: सीबीआई ने प्रयागराज कोर्ट में महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले में तीन आरोपियों- आनंद गिरी, संदीप तिवारी और उसके बेटे आदया तिवारी के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई का कहना है इस मामले में आगे की जांच लगातार जारी है।

चार्जशीट के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरी को धमकाया जा रहा था और आनंद गिरी ने ब्लैकमेल किया कि वह एक वीडियो लीक करेगा। आनंद गिरी ने कथित तौर पर कहा था कि वह सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर देगा। नरेंद्र गिरी ने दावा किया था कि आनंद गिरी ने वीडियो तीन लोगों को दिखाया था।

कोर्ट में दायर चार्जशीट के अनुसार, आनंद गिरि ने प्रयागराज में तीन और हरिद्वार में दो लोगों के साथ वीडियो की डिटेल्स शेयर की थीं। चार्जशीट में कहा गया है कि महंत नरेंद्र गिरी की हत्या के कोई सबूत नहीं मिले हैं। घबराए नरेंद्र गिरि की आत्महत्या से मौत हुई है। अब कोर्ट दो दिसंबर को मामले में सुनवाई करेगा।

सीबीआई ने चार्जशीट में लिखा है कि आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और उसका बेटा संदीप तिवारी बाग़म्बरी मठ तथा बड़े हनुमान जी के मंदिर में पहले जैसा अपना वर्चस्व वापस पाने के लिए महंत नरेंद्र गिरी को परेशान करने की साजिश रची थी।

यह ऐसा इसलिए कर रहे थे क्योंकि, महंत नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरी, पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप को बड़े हनुमान जी मंदिर से निकाल दिया था। नरेंद्र गिरी को शक था कि ये मंदिर के खजाने का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

चार्जशीट में ये भी लिखा है कि मौत से पहले नरेंद्र गिरी ने आन्नद गिरी से सुलह की भी कोशिश की थी, वो प्रयागराज से बाहर आनंद गिरी से मिलना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। साथ ही, महंत नरेंद्र गिरी हरिद्वार वाले आश्रम की जमीन भी बेचना चाहते थे लेकिन कागजात उनके कब्जे में ना होने की वजह से ये मुमकिन नहीं हो सका।

इसके अलावा महंत नरेंद्र गिरी मौत से पहले सीएम योगी से भी मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन ये भी मुमकिन नहीं हो सका था।

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