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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश गंगा में बह रहे बारहसिंगा को बचाने के लिए वन विभाग कर्मियों ने दांव पर लगाई जान

गंगा में बह रहे बारहसिंगा को बचाने के लिए वन विभाग कर्मियों ने दांव पर लगाई जान

बिजनौर वन विभाग के DFO डॉ एम सेमरन ने बताया अक्सर गंगा में बहकर उत्तराखंड के जंगलों से वन्य जीव आ जाते है और बिजनौर गंगा बैराज के गेटों में फंस जाते हैं, जिन्हें निकालने के लिए वन विभाग के कर्मचारी जान तक खतरे में डालते हैं।

गंगा में बह रहे बारहसिंगा को बचाने के लिए वन विभाग कर्मियों ने दांव पर लगाई जान- India TV Hindi Image Source : INDIA TV गंगा में बह रहे बारहसिंगा को बचाने के लिए वन विभाग कर्मियों ने दांव पर लगाई जान

बिजनौर (उत्तर प्रदेश): बिजनौर में वन विभाग कर्मियों ने गंगा में बह रहे एक बारहसिंगा को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। वन विभाग कर्मियों का अपनी जान दांव लगाना सफल रहा। बारहसिंगा को बचा लिया गया है। बारहसिंगा गंगा में बहता हुआ बिजनौर के गंगा बैराज पहुंच गया था, जिसकी सूचना मिलने पर वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद बारहसिंगा को गंगा से बाहर निकाला गया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में लगातार हुई बारिश से गंगा का जल स्तर बढ़ गया है। गंगा नदी उफान पर है, ऐसे में गंगा किनारे पानी पीने आने वाले वन्य जीवों के बहने का खतरा भी बढ़ जाता है। यह बारहसिंगा भी ऐसे ही गंगा में बह कर यहां तक पहुंचा था। यहां सबसे पहले इसे सिचाई विभाग के कर्मचारियों ने देखा था, जो बैराज पर गेट पेट्रोलिंग के लिए आए थे।

सिचाई विभाग के कर्मचारियों ने देखा कि बैराज के गेट नंबर 17 पर एक बारहसिंगा फंसा हुआ है, उन्होंने इसकी सूचना तुरंत वन विभाग की टीम को दी। टीम मौके पर पहुंची लेकिन गंगा ऊफान पर थी, जिसके कारण बारहसिंगा को निकालना मुश्किल था लेकिन वन विभाग की टीम बारहसिंगा को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटी।

वन विभाग के कर्मचारी गयूर खां बैराज पर गंगा में नीचे उतर गए। इस दौरान गयूर खां को ऊपर से सपोर्ट दी जा रही थी। ऊपर से उनकी टीम के लोगों ने उन्हें रस्सी दी, जिसे उन्होंने फॉरेस्टर मनोहर लाल यादव की मदद से बारहसिंगा को बांधा। इसके बाद बारहसिंगा को रस्सी से बाहर खींचा गया।

बिजनौर वन विभाग के DFO डॉ एम सेमरन ने बताया अक्सर गंगा में बहकर उत्तराखंड के जंगलों से वन्य जीव आ जाते है और बिजनौर गंगा बैराज के गेटों में फंस जाते हैं, जिन्हें निकालने के लिए वन विभाग के कर्मचारी जान तक खतरे में डालते हैं।

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