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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'नहीं भागता तो मेरी जान भी नहीं बचती', चश्मदीद सुमित की जुबानी लखीमपुर कांड की पूरी कहानी

'नहीं भागता तो मेरी जान भी नहीं बचती', चश्मदीद सुमित की जुबानी लखीमपुर कांड की पूरी कहानी

नगर पालिका परिषद लखीमपुर में शिवपुरी वॉर्ड से सभासद सुमित जायसवाल ने वीडियो को लेकर, पूरे इंसिडेंट के बारे में इंडिया टीवी को सबकुछ बताया। इंडिया टीवी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर मैं वहां रुक जाता या फंस जाता तो आज जिंदा नहीं होता।

Lakhimpur Kheri violence: Eyewitnesses Sumit Jaiswal narrates the horror- India TV Hindi Image Source : INDIA TV लखीमपुरी खीरी में रविवार को हुई हिंसक झड़प का आरोप केन्द्रीय राज्‍य मंत्री अजय कुमा मिश्रा के बेटे पर लग रहा है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के लखीमपुरी खीरी में दो दिन पहले रविवार को किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प का आरोप केन्द्रीय राज्‍य मंत्री अजय कुमा मिश्रा टेनी के बेटे पर लग रहा है। वहीं, मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ जिसमें हिंसा के बीच एक शख्‍स जीप से उतरकर भागता नजर आ रहा था। कहा जा रहा था कि भागता हुआ शख्स आशीष मिश्रा है। वहीं केन्द्रीय राज्‍य मंत्री और उनका बेटा आशीष मिश्रा दोनों ये कह रहे हैं कि जो शख्स जीप से उतर कर भागता हुआ दिख रहा है वो बीजेपी का कार्यकर्ता सुमित जायसवाल है जिसके बाद इंडिया टीवी सावंदातता पवन नारा ने सुमित जायसवाल को खोज निकाला। 

नगर पालिका परिषद लखीमपुर में शिवपुरी वॉर्ड से सभासद सुमित जायसवाल ने वीडियो को लेकर, पूरे इंसिडेंट के बारे में इंडिया टीवी को सबकुछ बताया। इंडिया टीवी से बात करते हुए उन्होंने बताया कि अगर मैं वहां रुक जाता या फंस जाता तो आज जिंदा नहीं होता। मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने सामने अपने दोस्‍त को मरते हुए देखूंगा।

सुमित ने बताया, "हम लोग डेप्‍युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कार्यक्रम स्‍थल पर लाने के लिए जा रहे थे। इस दौरान तिकुनिया में कई लोग सड़क पर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। उन लोगों ने अचानक से मेरी जीप पर हमला बोल दिया। मेरे सामने उपद्रव करने वालों ने मेरे ड्राइवर को बाहर खींचकर निकाल लिया और डंडों से उसे पीटने लगे।"

उन्होंने आगे बताया, "फिर मेरे दोस्‍त शुभम मिश्रा के साथ भी यही किया। यह देख मेरी रूह कांप गई। मैं वहां से किसी तरह जान बचाकर भागा। अगर वहां मैं रुक जाता या फंस जाता तो आज जिंदा नहीं होता। मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने सामने अपने दोस्‍त को मरते हुए देखूंगा। शुभम का जाना मेरे लिए बहुत बड़ा झटका है, जिसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा।"

उल्होंने यह भी बताया कि आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद नहीं थे और वह कुश्‍ती के कार्यक्रम में थे। किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के सवाल पर सुमित ने कहा, "हम किसी किसान को क्‍यों मारना चाहेंगे? वे किसान किसी भी एंगल से नहीं लग रहे थे। इस घटना के पीछे बड़ी साजिश है। सारे उपद्रवी बाहरी लग रहे थे। सभी के हाथ में धारदार हथियार थे और वे मारो-मारो चिल्‍ला रहे थे। हमारी गाड़ी पर पत्‍थरबाजी हो रही थी तो जीप कंट्रोल में थी ही नहीं। पत्‍थर लगने की वजह से मेरे ड्राइवर की आंख में चोट आ गई थी। जैसे ही उसने जीप को किनारे लगाया, लोगों की भीड़ उसे खींच ले गई।"

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