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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 20 कमरों के अस्पताल को नोएडा प्रशासन की अनदेखी ने बना दिया 'खंडहर', बेड के लिए भटक रहे कोरोना मरीज

20 कमरों के अस्पताल को नोएडा प्रशासन की अनदेखी ने बना दिया 'खंडहर', बेड के लिए भटक रहे कोरोना मरीज

हमें गौतम बुद्ध नगर के दादरी ब्लॉक के खदेड़ा गांव में एक ऐसा अस्पताल मिला है, जहां 20 कमरे हैं लेकिन कोई डॉक्टर नहीं है। जबकि, अस्पताल की क्षमता आसपास के लगभग 10 गांवों के मरीजों की देखभाल करने की है।

20 कमरों के अस्पताल को नोएडा प्रशासन की अनदेखी ने बना दिया 'खंडहर'- India TV Hindi 20 कमरों के अस्पताल को नोएडा प्रशासन की अनदेखी ने बना दिया 'खंडहर'

नोएडा: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हर बीतने वाले दिन के साथ स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। उत्तर प्रदेश का भी कुछ ऐसा ही हाल है। चाहे प्रदेश की राजधानी लखनऊ हो या फिर राज्य की आर्थिक राजधानी कहा जाने वाला गौतम बुद्ध नगर हो, हालात बहुत ज्यादा अलग नहीं है। कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, दवाइयों की कमी पड़ने लगी है, अस्पतालों में जगह नहीं है, ऑक्सीजन तलाशने से भी नहीं मिल रही और प्रशासन है कि उसकी कमियों का कोई छोर नजर नहीं दे रहा।

नोएडा प्रशासन कोरोना का पहला केस मिलने के करीब एक साल बाद भी जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को इस काबिल नहीं कर पाया कि वह मरीजों को अस्पताल में बेड, जरूरी दवाइयां, ऑक्सीजन, प्लाजमा आदि मुहैया करा पाए। जिले में लोग अस्पतालों में बेड के लिए भटक रहे हैं, एक अस्पताल से दूसरे और दूसरे तीसरे, यही हो रहा है। यह सब देखने के बाद भी प्रशासन अपने सभी रिसोर्सेस को इस्तामल नहीं रहा है।

ऐसा क्यों कहा जा रहा है? क्योंकि, हमें गौतम बुद्ध नगर के दादरी ब्लॉक के खदेड़ा गांव में एक ऐसा अस्पताल मिला है, जहां 20 कमरे हैं लेकिन कोई डॉक्टर नहीं है। जबकि, अस्पताल की क्षमता आसपास के लगभग 10 गांवों के मरीजों की देखभाल करने की है। लेकिन, प्रशासन की अनदेखी के कारण स्थिति यह हो गई है कि अस्पताल परिसर में घास-फूंस जम गई है, बेडों को जंग खा चका है। 

स्थानीय लोगों को कहना है कि वह कई बार इस संबंध में CMO से शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनकी नींद नहीं खुल रही है। आज तक कभी इस अस्पताल की ओर प्रशासन ने मुड़कर नहीं देखा। इसे सिर्फ कागजों में ही अस्पताल कहा जा सकता है, इसके अलावा तो यह एक ईंट और सीमेंट का ढांचा बनकर रह गया है।

इससे भी गंभीर बात तो यह है कि कोरोना महामारी को हराने के लिए जब प्रशासन को अपने सभी रिसोर्सस की बहुत जरूरत है, तब भी उसका ध्यान इधर नहीं जा रहा है। हमने इसके बारे में गौतमबुद्ध नगर के CMO से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो पाईं। उनके असिस्टेंट ने फोन उठाया और कहा कि वह अभी मीटिंग में हैं।

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