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कोरोना के बीच IAS सौम्या पांडेय ने पेश की मिसाल, डिलिवरी के 14 दिन बाद काम पर लौटीं

गाजियाबाद के मोदीनगर की एसडीएम ने कोरोना संकट की इस घड़ी में एक नया उदाहरण पेश किया है। एसडीएम के पद पर तैनात आईएएस सौम्या पांडेय ने कोरोना काल में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया है। उन्होंने इस कोविड-19 महामारी के भयानक दौर में अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महज 14 दिन बाद ही कार्यालय पहुंचकर अपना पदभार सम्भाल लिया।

<p>कोरोना के बीच IAS...- India TV Hindi Image Source : TWITTER कोरोना के बीच IAS सौम्या पांडेय ने पेश की मिसाल, डिलिवरी के 14 दिन बाद काम पर लौटीं

गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोदीनगर की एसडीएम ने कोरोना संकट की इस घड़ी में एक नया उदाहरण पेश किया है। एसडीएम के पद पर तैनात आईएएस सौम्या पांडेय ने कोरोना काल में एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया है। उन्होंने इस कोविड-19 महामारी के भयानक दौर में अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महज 14 दिन बाद ही कार्यालय पहुंचकर अपना पदभार सम्भाल लिया। डिलीवरी के बाद उनका मैटरनिटी लीव पर पूरा हक है लेकिन उन्होंने महज एक महीने की मैटरनिटी लीव ली है इसके बाद वापस काम पर लौट आई हैं। इतना ही नहीं, वह अपनी देखरेख के साथ-साथ बिटिया की भी पूरी तरह देख रेख करते हुऐ अपने काम पूरी जिम्मेदारी से कर रही हैं।

मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली सौम्या पांडेय 2017 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और गाजियाबाद में मोदीनगर एसडीएम के पद पर तैनात हैं। सौम्या पांडे ने नियुक्ति के बाद से ही इस कोरोना काल में भी बखूबी अपने कर्तव्य को निभाया है। उन्होंने इसी दौरान एक बिटिया को जन्म दिया। सौम्या ने बिटिया को जन्म देने के बाद सिर्फ 22 दिन का अवकाश लिया और फिर से अपना कार्यभार संभाल लिया है। अब वह अपने ऑफिस में बेटी को गोद में लेकर काम करते हुई दिखाई देती हैं।

सौम्या पांडे ने बताया कि जिस पद पर उन्हें रखा गया है उसके साथ इंसाफ करना उनकी जिम्मेदारी है। कोरोना के दौरान भी वह कई अस्पतालों की मॉनिटरिंग कर चुकी है। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए वह अपने साथ-साथ बच्ची का भी विशेष ध्यान रखती हैं। सभी फाइलों को भी वह बार-बार सैनिटाइज करती हैं। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान से ही अभी तक गाजियाबाद जिला प्रशासन का उन्हें बड़ा सहयोग मिला है और सभी अधीनस्थ कर्मचारियों ने भी उनका भरपूर साथ दिया है। समय पर सभी काम पूरे किए हैं। गाजियाबाद जिला प्रशासन ने उनका एक परिवार की तरह साथ दिया है। इसलिए अब उनका कर्तव्य बनता है कि वह मां के धर्म को निभाते हुए अपनी जिम्मेदारी भी निभाएं।

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