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वो मेट्रो स्टेशन, जो बना ट्रांसजेंडर्स के आत्मसम्मान का नया स्तंभ

NMRC की मैनेजिंग डायरेक्टर रितु माहेश्वरी ने ट्रांसजेंडर्स की उम्मीदों को पंख देने के साथ-साथ उनकी उड़ान के लिए एक नए आसमान की नींव रखी, जो समाज के लिए नजीर साबित हो रही है।

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नोएडा (गौतम बुद्ध नगर): नोएडा का सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन हर रोज सैकड़ों लोगों के कदमों की आहट से गुजरता है, उनकी चाल महसूस करता है, उनकी यात्रा का गवाह बनता है। लेकिन, इसकी पहचान सिर्फ इतनी ही नहीं है। क्योंकि, ये एक प्राइड मेट्रो स्टेशन है। नोएडा का सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन, ट्रांसजेंडर्स के आत्मसम्मान का एक नया स्तंभ बनकर ऊभरा है।

ये मेट्रो स्टेशन समाज की सिकुड़ी हुई सोच के समानांतर खींचीं गई वो लकीर है, जो संविधान में लिखे समानता के अधिकारा को भौतिक रूप देती है, जो ट्रांसजेंडर्स को मुख्य समाज की धारा से जोड़ती है। यहां 6 ट्रांसजेंडर्स काम करते हैं। इनमें से दो ट्रांसजेंडर्स कर्मचारी साफ-सफाई और चार ट्रांसजेंडर्स कर्मचारी यात्रियों को टिकट देने का काम करते हैं। 

इनकी बीती जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अपमान की चादर में लिपटा हुआ था। इनके लिए हर उम्मीद, एक नई यातना, एक नया फरेब था। लेकिन, अब हवाएं बदल रही हैं, इनकी उम्मीदों को पंख मिल गए हैं और उड़ने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी NMRC की मैनेजिंग डायरेक्टर रितु माहेश्वरी ने एक नए आसमान की नींव रख दी है।

रितु माहेश्वरी ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार द्वारा जारी गाइडसाइन्स को गंभीरता से लेते हुए करीब सालभर पहले ट्रांसजेंडर्स को मुख्य समाज से जोड़ने की पहल की, जिसकी नतीजा है कि यहां काम कर रहे की जिंदगी अंधकार भरे कुए से बाहर निकलकर अब उजाले की ओर बढ़ रही है। रितु माहेश्वरी की इस सफल कोशिश ने ट्रांसजेंडर्स के लिए समाज में स्वीकार्यता को बढ़ाया है।

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