A
Hindi News भारत उत्तर प्रदेश केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को 'प्लीज हेल्प' वाले ट्वीट के लिए देनी पड़ी सफाई, जानें पूरा मामला

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को 'प्लीज हेल्प' वाले ट्वीट के लिए देनी पड़ी सफाई, जानें पूरा मामला

कोरोना वायरस के बढ़तें मामलों के कोरोना वायरस के बढ़तें मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में संक्रमित मरीज के इलाज के लिए अस्पताल में बेड उपलब्धता के संबंध में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने ट्वीट कर मदद मांगी थी।

केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदारों तक को नहीं मिल रहे बेड! वीके सिंह ने अपने भाई के लिए लगाई गुहार- India TV Hindi Image Source : PTI केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदारों तक को नहीं मिल रहे बेड! वीके सिंह ने अपने भाई के लिए लगाई गुहार

नोएडा: कोरोना वायरस के बढ़तें मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में संक्रमित मरीज के इलाज के लिए अस्पताल में बेड उपलब्धता के संबंध में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह को एक ट्वीट के संबंध में सफाई देनी पड़ी है। दरअसल परिवहन (राज्य) मंत्री वीके सिंह (रिटायर्ड) ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को टैग करते हुए रविवार को एक ट्वीट फॉरवर्ड किया था। जिसमें लिखा था कि "जिलाधिकारी गाजियाबाद कृपया इसे देखें। प्लीज हमारी हेल्प करें। मेरे भाई को कोरोना के इलाज के लिए बेड की आवश्यकता है। अभी गाजियाबाद में बेड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है।"

इस ट्वीट के बाद लोग चर्चा करने लगे की केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदार को स्वास्थ्य मदद नही मिल पा रही है तो आम जनता का अस्पतालों में क्या हाल होगा। ऐसे में ट्वीट के वायरल होने के कुछ समय बाद ही वीके सिंह ने ट्वीट पर स्पष्टीकरण भी जारी किया। वीके सिंह ने ट्विटर पर अपनी सफाई में लिखा है, "ट्रोल्स और इंटरनेट पर जल्दबाज़ी में काम करने वालों की समझदारी का स्तर देखकर आश्चर्यचकित हूं। वो ट्वीट जिलाधिकारी को फॉरवर्ड किया गया था और कहा गया था कि प्लीज इसे देख लीजिए। फॉरवर्ड किया गया ट्वीट हिंदी में है। जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बेड का इंतजाम कर दिया है। सुझाव है कि आप अपनी समझदारी में सुधार करें।"

उत्तर प्रदेश में 1 दिन में सर्वाधिक 120 लोगों की मौत, 27,357 नए संक्रमित मिले

उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से एक दिन में सबसे ज्यादा 120 लोगों की मौत हुई। वहीं, संक्रमण के 27,357 नये मामले सामने आए हैं। इससे पहले सितंबर, 2020 में एक दिन में सबसे ज्यादा 113 लोगों की मौत हुई थी। अपर मुख्‍य सचिव स्वास्थ्य व चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि राज्य में अब तक 8,21,054 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वहीं, संक्रमण से अब तक 9,703 लोगों की मौत हुई है। 

प्रसाद के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 27,357 नये मामलों के सापेक्ष 7,831 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी गई और अब तक 6,41,292 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। प्रसाद ने कहा कि शुक्रवार को 2.15 लाख से ज्यादा नमूनों का परीक्षण किया गया और अब तक कुल 3.80 करोड़ से अधिक नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है। अपर मुख्‍य सचिव ने बताया कि राज्य में 1,70,059 मरीज उपचाराधीन हैं। इनमें 86,595 पृथक-वास में जबकि बाकी के मरीज निजी और सरकारी अस्पतालों में अपना उपचार करा रहे हैं। शनिवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार लखनऊ में पिछले 24 घंटे में 5,913 नये मामले आए हैं और इस दौरान संक्रमण से 36 लोगों की मौत हुई है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ सहित सभी जिलों में कोविड-19 बिस्तरों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश के साथ कहा कि प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घण्टे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि किसी भी जीवन रक्षक औषधि तथा गृह एकांतवास में रह रहे मरीजों के मेडिकल किट की दवाओं में कोई कमी न होने पाये। मुख्यमंत्री ने शनिवार को ऑनलाइन माध्यम से कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 नये ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जाएंगे। इस कार्य में डीआरडीओ का सहयोग मिल रहा है। 

उन्होंने निर्देश दिये कि इन ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए आज ही स्थल चिह्नित करते हुए युद्धस्तर पर कार्रवाई की जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा इस कार्य की निरंतर निगरानी की जाए। योगी ने कहा कि एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) द्वारा सीएसआर फंड से लखनऊ में एक डेडिकेटेड कोविड अस्पताल की स्थापना प्रस्तावित की गयी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि एचएएल से समन्वय स्थापित करते हुए इस कार्य को प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कंट्रोल रूम निरन्तर कार्यशील रहे एवं ऑक्सीजन आपूर्ति, रेमडेसिविर सहित विभिन्न औषधियों की उपलब्धता पर लगातार नजर रखे। एक अलग बयान में अपर मुख्‍य सचिव स्वास्थ्य व चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि कोविड-19 की जांच में जिनके नमूने निगेटिव पाये जा रहे हैं लेकिन सिटी स्कैन, एक्‍सरे या रक्त परीक्षण में कोविड-19 के लक्षण दिखते हैं और चिकित्सकों को लगता है कि उन्हें कोविड-19 का उपचार दिया जाना चाहिए तो ऐसे मरीजों को कोविड उपचार केंद्रों के वार्डों में भर्ती किया जा सकता है। 

Latest Uttar Pradesh News