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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश एक-दूसरे से जोड़ी जाएंगी 1090, एंटी रोमियो और यूपी-100 सेवाएं

एक-दूसरे से जोड़ी जाएंगी 1090, एंटी रोमियो और यूपी-100 सेवाएं

राज्य पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल एक जनवरी से 31 मार्च के बीच महिलाओं और लड़कियों के प्रति अपराध के 11 हजार 249 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से बलात्कार के 899, दहेज सम्बन्धी 502, यौन उत्पीड़न के 2892, अपहरण के 3573 और अत्याचार के 3135 मामले हैं।

UP 100 and Anti-Romeo Squad services to be merged with 1090 women powerline service- India TV Hindi एक-दूसरे से जोड़ी जाएंगी 1090, एंटी रोमियो और यूपी-100 सेवाएं

लखनऊ: महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराधों पर प्रभावी रोक के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस ने महिला हेल्पलाइन-1090, एंटी रोमियो दस्ता और यूपी-100 सेवाओं को एक साथ जोड़ने का फैसला किया है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा‘ से बातचीत में कहा ‘‘हम महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम को शीर्ष प्राथमिकता दे रहे हैं। प्रदेश में पहले से ही वूमेन हेल्पलाइन (1090), एंटी रोमियो दस्ता और यूपी-100 सेवाएं मौजूद हैं, जहां महिलाएं अपनी शिकायत कर सकती हैं। अब पीड़ितों को तुरन्त मदद मुहैया कराने के लिये हम इन तीनों सेवाओं को एक-दूसरे से जोड़ रहे हैं।‘‘

ऐसा करने की वजह के बारे में उन्होंने बताया ‘‘अब जो भी पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहेगा, वह इन तीनों सेवाओं में से किसी पर भी फोन कर सकता है और उसे तुरन्त मदद पहुंचायी जाएगी। तीनों सेवाओं को जोड़ने से उनके बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा, जिससे पीड़ितों को कम समय में सहायता मिल सकेगी।‘‘

सिंह ने बताया कि राज्य पुलिस महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है और वह यह सुनिश्चित करेगी कि पाक्सो कानून से जुड़े मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालतों में हो। पुलिस ऐसे मामलों की फास्ट ट्रैक अदालतों में सुनवाई कराएगी, जिनमें आरोप पत्र दाखिल हो चुका है।

राज्य पुलिस के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल एक जनवरी से 31 मार्च के बीच महिलाओं और लड़कियों के प्रति अपराध के 11 हजार 249 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से बलात्कार के 899, दहेज सम्बन्धी 502, यौन उत्पीड़न के 2892, अपहरण के 3573 और अत्याचार के 3135 मामले हैं। पुलिस के मुताबिक, महिलाओं के प्रति अपराध की प्रकृति का अध्ययन करने पर पता लगा है कि बलात्कार या अपहरण के 10 में से आठ मामलों में परिचित लोगों या रिश्तेदारों का हाथ होता है।

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