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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश विकास दुबे के ग्वालियर-चंबल में होने की संभावना, पुलिस सतर्क

विकास दुबे के ग्वालियर-चंबल में होने की संभावना, पुलिस सतर्क

आशंका इस बात की जताई जा रही है कि विकास वारदात को अंजाम देने के बाद चंबल के इलाके में आ सकता है। यह बीहड़ का क्षेत्र है और उसे यहां पनाह भी मिल सकती है।

Vikas Dubey- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO विकास दुबे के ग्वालियर-चंबल में होने की संभावना, पुलिस सतर्क

ग्वालियर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिस जवानों की हत्या करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में होने की संभावना जताई जा रही हैं। इसके चलते इस क्षेत्र की पुलिस को सतर्क कर दिया गया है।

ग्वालियर क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) राजा बाबू सिंह ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान यह स्वीकारा कि उन्हें उत्तर प्रदेश की पुलिस से ऐसे इनपुट मिले है कि विकास दुबे इस क्षेत्र में आ सकता है, लिहाजा पुलिस पूरी तरह सतर्क और सजग है। पुलिस की बीहड़ इलाके में सक्रियता भी बढ़ा दी गई है।

आशंका इस बात की जताई जा रही है कि विकास वारदात को अंजाम देने के बाद चंबल के इलाके में आ सकता है। यह बीहड़ का क्षेत्र है और उसे यहां पनाह भी मिल सकती है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मध्य प्रदेश की पुलिस से अपनी सूचनाएं साक्षा की है। उसी के तहत इस क्षेत्र की पुलिस ने गश्त और बीहड़ इलाके में सर्चिंग भी बढ़ा दी है।

बढ़ते दबाव के बीच विकास दुबे के परिजनों ने उससे नाता तोड़ा

उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड अपराधी व गैंगस्टर विकास दुबे को बाहर निकालने के लिए उसके हरेक रिश्तेदार पर बढ़ रहे दबाव के बाद अब उसके रिश्तेदारों ने उसे अपना मानने से इनकार करना शुरू कर दिया है। इनमें दुबे के बहनोई दिनेश तिवारी भी शामिल हैं, जिन्हें शुक्रवार रात से ही शिवली पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया है, जब अपराधी ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कानपुर में बिकरू गांव में कर दी थी।

तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर उनका वश चले तो वह विकास दुबे को खुद गोली मार दें, क्योंकि उसकी वजह से उसके परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "उसने जो किया है उसकी कीमत हम चुका रहे हैं। अगर मेरे वश में होता तो मैं उसे गोली मार देता।"

दुबे के बहनोई ने कहा कि दुबे के पिता राम कुमार दुबे मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह अपने बेटे को बचाने के प्रयास में क्या कह रहे हैं। अपराधी के पिता ने पुलिस को पहले बताया था कि जब घटना हुई थी तब विकास गांव में नहीं था।

दिनेश तिवारी ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने पिछले पांच-छह सालों से विकास दुबे से सभी संबंध तोड़ लिए हैं। विकास दुबे की बड़ी बहन चंद्रकला ने भी पत्रकारों से कहा कि उन्होंने पिछले पांच-छह सालों से अपने गैंगस्टर भाई से मुलाकात नहीं की है।

उन्होंने दावा किया कि विकास ने उनके बड़े बेटे को धमकी दी थी और कुछ साल पहले उनके पति के साथ दुर्व्यवहार किया था, जिसके बाद परिवार ने उसके साथ सभी संबंध तोड़ दिए। उनके बेटे ध्रुव ने कहा कि पुलिस ने घटना के बाद राम कुमार दुबे को उनके घर पर छोड़ दिया था। उसने कहा, "हम उनकी देखभाल नहीं कर सकते हैं और पुलिस को उनके ठहरने के लिए कुछ और इंतजाम करने चाहिए।"

ध्रुव की बहन अनामिका ने भी यही कहा, "हमारे 'मामा' (विकास) के साथ हमारा कोई संबंध नहीं है और हमें इस मुद्दे पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए।"

वहीं विकास की मां सरला देवी ने पहले ही कहा था कि अगर उनका बेटा पुलिसकर्मियों की हत्या के लिए जिम्मेदार है, तो उसे मार दिया जाना चाहिए, लेकिन अब उन्होंने बीकरू गांव में उनके पुश्तैनी घर को ध्वस्त करने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, "सरकार को परिवार के बजाय विकास को दंडित करना चाहिए। हमें अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए।"

दिलचस्प बात यह है कि जिस शख्स की शिकायत पर पुलिस विकास दुबे को पकड़ने गई थी, वह शख्स यानी राहुल तिवारी उसका साला बताया जा रहा है।

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