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विवेक तिवारी हत्याकांड: आरोपी कांस्टेबल को बचाने के लिए सिपाहियों ने शुरू की मुहिम

प्रशांत चौधरी पर उत्तर प्रदेश के सिपाहियों ने मुहिम छेड़ रखा है। टारगेट दिया गया है पांच करोड़ का। बाकायदा अकाउंट नंबर है और IFSC कोड दिया गया है। फेसबुक पर लिखा गया है कि प्रशांत चौधरी की पत्नी को केस लड़ने के लिए मदद करें।

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विवेक तिवारी की हत्या मामले में आरोपी कांस्टेबल को बचाने के लिए सिपाहियों ने मुहिम शुरू कर दी है। सिर्फ 48 घंटे में प्रशांत चौधरी की पत्नी के खाते में 5 लाख जमा हो गए हैं। यूपी सरकार विवेक तिवारी के परिवार वालों को पैसे दे रही है, नौकरी दे रही है, घर दे रही है लेकिन हत्या के तीन दिन बाद जो खबर आई है उसे देखकर आप चौक जाएंगे।

राखी नाम की महिला का उत्तर प्रदेश के मेरठ के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में पांच लाख 28 हजार रुपये है। राखी विवेक तिवारी की हत्या करने वाले आरोपी प्रशांत चौधरी की पत्नी है और पत्नी के खाते में पांच लाख 28 हजार रुपये है लेकिन खबर ये नहीं है, खबर ये है कि तीन दिन पहले राखी मलिक के खाते में सिर्फ 333 रुपये थे, 114 रुपये का ब्याज मिला था और खाते में सिर्फ और सिर्फ 447 रुपये बैलेंस था लेकिन इसके बाद खाते में पैसों की बारिश होने लग गई।

29 तारीख को प्रशांत चौधरी को जेल हुई और 30 तारीख को पहली बार कोई 1000 रुपये खाते में डाला। 30 तारीख को ही दो घंटे में 33 हजार रुपये हो गए और इसी दिन शाम पांच बजे तक आंकड़ा एक लाख तक पहुंच गया। 1 अक्टूबर को भी ये सिलसिला बिना कौमा और पूर्ण विराम के चलता ही चला गया। आंकड़ा पांच लाख को पार कर गया।

कोई पांच सौ रुपये भेज रहा है, कोई 201 रुपये भेज रहा है और कोई 100 रुपये। किसी ने 50 रुपये भेजकर ये दिखाने की कोशिश की राखी हम तुम्हारे साथ है। देखते ही देखते राखी के अकाउंट में बहार आ गई और जब एक अक्टूबर को बैंक स्टेटमेंट निकाला गया तो पता चला कि खाते में पांच लाख 28 हजार रुपये है। सिर्फ 48 घंटे में सौ से लाखों रुपये बैंक बैलेंस हो गया।

प्रशांत चौधरी पर उत्तर प्रदेश के सिपाहियों ने मुहिम छेड़ रखा है। टारगेट दिया गया है पांच करोड़ का। बाकायदा अकाउंट नंबर है और IFSC कोड दिया गया है। फेसबुक पर लिखा गया है कि प्रशांत चौधरी की पत्नी को केस लड़ने के लिए मदद करें।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ साफ लिखा है कि प्रशांत ने कार की बोनट पर चढ़कर गोली चलाई थी। मतलब गोली डिफेंस में नहीं चली। गोली विवेक तिवारी को मारने के इरादे से ही चलाई गई और वो भी कार की बोनट पर चढ़कर और अब उसी प्रशांत की मदद के लिए यूपी पुलिस के सिपाही मदद की मुहिम चला रहे हैं।

इस खाते को देखकर लगता है बहुत से लोगों की नजरों में प्रशांत गुनहगार नहीं है। मतलब यूपी पुलिस में कई ऐसे वर्दी वाले हैं जो बीच रास्ते चलते फिरते आदमी को गोली मारने का समर्थन करते हैं। कितनी अजीब बात है, वर्दी वाले गुंडों के लिए सोशल मीडिया पर उद्धार की कहानी लिखी जा रही है और लाखों रुपये का चंदा राखी के खाते में चुंबक की तरह चिपकता जा रहा है।

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