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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'ओम प्रकाश राजभर पुराने दोस्त हैं', यूपी BJP चीफ भूपेंद्र चौधरी के बयान ने मचाई हलचल

'ओम प्रकाश राजभर पुराने दोस्त हैं', यूपी BJP चीफ भूपेंद्र चौधरी के बयान ने मचाई हलचल

ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था लेकिन मन मुताबिक कामयाबी नहीं मिलने के बाद वह अलग हो गए थे।

Om Prakash Rajbhar News, Om Prakash Rajbhar Latest, Om Prakash Rajbhar BJP- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/OPRAJBHAR SBSP सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर।

मऊ: भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर को लेकर बड़ा बयान दिया है। चौधरी ने राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कहा कि बीजेपी के लिए कोई ‘अछूत’ नहीं है और जो भी पार्टी के विचारों से सहमत है, हम उसे अपने साथ रखने को तैयार हैं। चौधरी का यह बयान राजभर और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बीच हाल में लखनऊ में हुई बैठक के बाद आया है।

‘ओम प्रकाश राजभर हमारे पुराने साथी हैं’
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा, ‘बीजेपी बहुत बड़ा समुद्र है। जो हमारे विचारों से सहमत है, उसे हम अपने साथ रखेंगे। ओम प्रकाश राजभर हमारे पुराने साथी हैं।’ बता दें कि राजभर ने उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था लेकिन मन मुताबिक कामयाबी नहीं मिलने के बाद वह गठबंधन से अलग हो गए थे और उसके बाद बीजेपी के प्रति उनका रुख नरम होता गया। हाल में राजभर ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात भी की थी।


‘सूबे की सभी 80 सीटें जीतेगी बीजेपी’
ओम प्रकाश राजभर की पार्टी ने वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के ही साथ मिलकर लड़ा था। सरकार बनने पर राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था लेकिन बाद में उन्होंने गठबंधन से नाता तोड़ लिया था। बाद में राजभर ने बीजेपी पर खूब हमले भी बोले थे लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनके निशाने पर समाजवादी पार्टी और इसके सुप्रीमो अखिलेश यादव आ गए हैं। चौधरी ने दावा किया कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में सूबे की सभी 80 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के नगरीय निकाय चुनाव आगामी अप्रैल-मई में हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी फैसले पर रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण किए बगैर निकाय चुनाव कराने के आदेश सरकार को दिए थे हालांकि सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जिसने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकार की ओर से नियुक्त पैनल को तीन महीने में राज्य के स्थानीय निकाय चुनावों के लिए ओबीसी आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा। प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव पिछले साल नवंबर-दिसंबर में होने थे।

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