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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश RSS प्रमुख मोहन भागवत करेंगे राष्ट्रीय कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता, 16 से 18 अक्टूबर तक प्रयागराज में होगा कार्यक्रम

RSS प्रमुख मोहन भागवत करेंगे राष्ट्रीय कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता, 16 से 18 अक्टूबर तक प्रयागराज में होगा कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत 16 से 18 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। दो साल में यह तीसरी बार होगा जब संघ प्रमुख प्रयागराज आएंगे।

RSS chief Mohan Bhagwat- India TV Hindi Image Source : PTI RSS chief Mohan Bhagwat

Highlights

  • RSS प्रमुख मोहन भागवत करेंगे राष्ट्रीय कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता
  • 16 से 18 अक्टूबर तक प्रयागराज में होगा कार्यक्रम
  • दो साल में यह तीसरी बार होगा जब संघ प्रमुख प्रयागराज आएंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत 16 से 18 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। दो साल में यह तीसरी बार होगा जब संघ प्रमुख प्रयागराज आएंगे। बैठक में संघ के शीर्ष नेताओं के अलावा प्रान्त संघ के नेता, कार्यकर्ता और प्रचारक भी शामिल होंगे। काशी के आरएसएस प्रचारक प्रमुख मोरारजी त्रिपाठी ने इस पर कहा, ''आरएसएस प्रमुख का 16 से 18 अक्टूबर तक प्रयागराज में रहने का कार्यक्रम है। उनका आरएसएस की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक और अखिल भारतीय कार्यकर्ता मंडल की बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है।

त्रिपाठी ने आगे बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारी बोर्ड की बैठक जिले के ट्रांस-यमुना क्षेत्र के गौहनिया स्थित वशिष्ठ वात्सल्य पब्लिक स्कूल परिसर में होगी। बैठक में प्रान्तों के प्रतिनिधि अपने द्वारा किये गये कल्याणकारी कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करेंगे। बैठक में संगठन की आगे की कार्ययोजना पर भी चर्चा की जाएगी।

कुछ दिनों पहले मोहन भागवत ने भारत के लिए कही थी ये बात

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा था कि देश के लोगों को अपना ‘‘स्व’’ समझने की जरूरत है, क्योंकि पूरी दुनिया ज्ञान के लिए भारत की ओर देख रही है। वह यहां भारतीय विचार मंच नामक एक संगठन द्वारा ‘स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर बहुआयामी विमर्श’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। एक विज्ञप्ति के अनुसार भागवत ने कहा, ‘‘अन्य देश मार्गदर्शन के लिए प्राचीन भारतीय दर्शन की ओर आशाभरी निगाहों से देख रहे हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथ एवं पुस्तकें सर्वकालिक हैं।

नये विचारों को आज व्यवस्था में जगह मिल रही है

उन्होंने कहा, ‘‘हमें स्वामी विवेकानंद और गांधीजी जैसे विद्वजनों द्वारा लिखी गयी पुस्तकें पढ़ने तथा उसके बाद धर्म को प्रोत्साहित करने की कोशिश करने की जरूरत है। सरकार में भी हम ऐसा बदलाव देख रहे हैं। नये विचारों को आज व्यवस्था में जगह मिल रही है।’’ इस अवसर पर उन्होंने एक मोबाइल अप्लिकेशन की शुरुआत की एवं भारतीय विचार मंच की कुछ पुस्तकों का विमोचन किया।

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