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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश गंदगी और बदबू से भरे जगहों पर फोटो और वीडियो बनाने का युवाओं में बढ़ा क्रेज, हर रोज यहां लगती है भीड़

गंदगी और बदबू से भरे जगहों पर फोटो और वीडियो बनाने का युवाओं में बढ़ा क्रेज, हर रोज यहां लगती है भीड़

गंगा की सफाई को लेकर सरकार हर प्रयास करने में लगी है। इसी का देन है कि कानपुर में फिर से गंगा अपने असली रूप में सामने आई।

गंगा की सफाई - India TV Hindi Image Source : INS गंगा की सफाई

उत्तर प्रदेश सरकार की एक अच्छी पहल काम कर गई है। गंदगी और दुर्गंध से भरी जगहों को सरकार अब सेल्फी प्वाइंट बना रही है। युवाओं में सेल्फी लेने का जबरदस्त क्रेज देखा जा रहा है। आमतौर पर लोग ऐसी जगहों पर आना पसंद नहीं करते लेकिन सरकार ने कमाल का काम किया है। उत्तर प्रदेश के जाजमऊ के पास फिर से जलीय जीव दिखने लगे हैं। उसे देखने वालों की भीड़ बढ़ी है। हर रोज यहां कई लोग आते हैं, अब एक सेल्फी प्वाइंट बन गया है।

गंगा को फिर से स्वच्छ करना 
सरकार बिजनौर से बलिया तक अविरल व निर्मल गंगा बनाने के लिए नदी में सीधे गिरने वाले नालों को टैप करा रही है। वहीं नए-नए एसटीपी निर्माण के लिए डीपीआर बन रहे हैं। नमामि गंगे परियोजना से गंगा किनारे पौधरोपण, घाटों और कुंडों का निर्माण हो रहा है। गंगा से जुड़ी सहायक नदियों को जीवंत करने के साथ जलीय जीवों को भी जीवन देने के प्रयास हो रहे हैं। सरकार की मंशा गंगा को उसकी पवित्रता वापस लौटाना है। नमामि गंगे विभाग इसको आकार देने में जुटा है।

केंद्र सरकार को भेजा गया है प्रस्ताव 
विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार यूपी में गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये जहां उसमें गिरने वाले 216 नालों में से 76 नालों को टैप किया गया है, वहीं 11 नाले आंशिक टैप किये गये हैं। 107 अनटैप्ड नालों को टैप करने का काम भी युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। गंगा को शुद्धता प्रदान करने के लिये प्रदेश में 3667.35 एमएलडी के 119 एसटीपी काम कर रहे हैं। 684.1 एमएलडी के 41 एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है। 32 नए एसटीपी (1036.91 एमएलडी) के लिये तैयार डीपीआर के प्रस्तावों को अनुमति के लिए केन्द्र सरकार को भेजा गया है।

कानपुर में गंगा को मिली पहचान 
बता दें कि नमामि गंगे परियोजना ने जहां कानपुर की खोई पहचान को लौटाया है। वहीं प्रयागराज में महाकुंभ 2025 से पहले गंगा में एक भी नाला न गिरे इसका भी लक्ष्य तय किया है। योजना से जहां कानपुर में 482.30 एमएलडी के 8 एसटीपी संचालित हैं। वहीं 30 एमएलडी के एक एसटीपी का निर्माण भी तेजी से हो रहा है। प्रयागराज में नैनी, झूंसी और फाफामऊ में सीवर शोधन के लिये एसटीपी निर्माण के कार्य पूरे कराए जा रहे हैं। उनकी मॉनीटरिंग के साथ ही सलोरी एसटीपी का सौंदर्यीकरण भी चल रहा है।

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