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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'बीजेपी खत्म करना चाहती है आरक्षण, देश में होनी चाहिए जातिगत जनगणना', जानिए और क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य

'बीजेपी खत्म करना चाहती है आरक्षण, देश में होनी चाहिए जातिगत जनगणना', जानिए और क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी को भूलना नहीं चाहिए यही आदिवासी, पिछड़े महिला जिनको आप हिंदू कहकर वोट मांगते हो और चुनाव के बाद इन्हें बेइज्जत करते हो और इन्ही 97 फ़ीसद लोगों की भावनाएं आहत करते हैं।

Swami Prasad Maurya- India TV Hindi Image Source : FILE स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य एकबार से भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हुए हैं। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग यहां धर्म के ठेकेदार हैं, जो शुद्र कहकर के इस देश के आदिवासी, दलित, पिछड़े और महिलाओं को मारने पीटने की बात करते हैं। ये लोग महिला, दलित, आदिवासी को मारना पीटना अपना धर्म मानते हैं और बीजेपी ऐसे लोगों को अपना नेता मानती है। इसके साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी आरक्षण को एक एक करके खत्म करती जा रही है।  

मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा - स्वामी प्रसाद मौर्य 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी को भूलना नहीं चाहिए यही आदिवासी, पिछड़े महिला जिनको आप हिंदू कहकर वोट मांगते हो और चुनाव के बाद इन्हें बेइज्जत करते हो और इन्ही 97 फ़ीसद लोगों की भावनाएं आहत करते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ऐसे लोगों का समर्थन करके अपनी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुझे जान से मारने, जुबान काटने जैसी तमाम धमकियां मिल रही हैं लेकिन इसके बावजूद भी मैं इनके सम्मान की बात करता रहूंगा और जो लोग भी इनका समर्थन करेंगे मैं उनका स्वागत करता हूं।

अपने बयान को गैरराजनीतिक बताते हुए उन्होंने कहा, "इसको चुनाव से जोड़ना बेकार है। ये चुनाव को लेकर दिया गया बयान नहीं है। महिला, दलित और आदिवासी को सम्मान दिलाने को चुनावी चश्मे से नही देखना चाहिए।" उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद सरकार को इनका समर्थन करना चाहिए लेकिन आज सरकार इनके दुश्मन जैसा बरताव कर रही है।

देश में होनी चाहिए जातिगत जनगणना- स्वामी प्रसाद मौर्य  

जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना की आवश्यकता है। पूर्व में भी देखा गया है की जब सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट किसी भी मामले में सुनवाई करते हुए जातियों के आंकड़े मांगती है तो सरकार आंकड़ा नहीं दे पाती है। इसलिए आधारित जनगणना बहुत अवश्य है। इससे समाज में जिसकी जितनी हिस्सेदारी होगी उस हिसाब से उस समाज के उत्थान और विकास के लिए काम किया जा सकेगा। 

 

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