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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश गाजियाबाद समेत 4 जिलों में 'पुलिस कमिश्नरेट' लागू करने की तैयारी, कानून व्यवस्था को लेकर योगी सख्त

गाजियाबाद समेत 4 जिलों में 'पुलिस कमिश्नरेट' लागू करने की तैयारी, कानून व्यवस्था को लेकर योगी सख्त

सूत्रों के मुताबिक, बढ़ती आपराधिक घटनाओं के चलते गाजियाबाद शहर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू हो सकती है। गाजियाबाद के साथ ही मेरठ, प्रयागराज और आगरा में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो सकती है।

Police Commissionerate system gives more powers, including magisterial powers, to police officers an- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO Police Commissionerate system gives more powers, including magisterial powers, to police officers and is aimed at better and effective policing.

Highlights

  • यूपी की योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती बनाए हुए है
  • बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने गृह विभाग उठा सकता है कदम
  • जानिए क्या होता है 'पुलिस कमिश्नरेट' सिस्टम?

नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार  कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती बनाए हुए है। कानून व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाकर प्रचंड बहुत से सरकार बनाने वाले बीजेपी के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को कानून व्यवस्था पर पूरा ध्यान देने के लिए आगाह किया है। बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते जल्द ही मेरठ और गाजियाबाद समेत 4 जिलों में कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की तैयारी की जा रही है। 

गाजियाबाद समेत इन 4 जिलों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू हो सकती है

सूत्रों के मुताबिक, बढ़ती आपराधिक घटनाओं के चलते गाजियाबाद शहर में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू हो सकती है। गाजियाबाद के साथ ही मेरठ, प्रयागराज और आगरा में भी पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश का गृह विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश के 4 जिलों में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था पहले से लागू है। जिनमें लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर और कानपुर शामिल हैं। 

दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद सीएम योगी ने अफसरों को कानून व्यवस्था पर पूरा फोकस रखने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक, अपराध की गंभीरता को देखते हुए गाजियाबाद मेरठ, आगरा और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में कमिश्नरेट प्रणाली की जरूरत पर बल दिया गया है। जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारियां चल रही हैं। बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने गृह विभाग ये कदम उठा सकता है।   

जानिए क्या है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम?

आजादी से पहले भारत में अंग्रेजों ने बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू किया हुआ था। उस वक्त सारी न्यायिक शक्तियां पुलिस कमिश्नर के पास होती थी। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है। देश आजाद होने के बाद यह प्रणाली वक्त के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी लागू की गई। यही वजह है कि अब भारत के कई महानगरों में यह प्रणाली लागू है। पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने पर जिले के कमिश्नर के अधिकार बढ़ जाते हैं। इस व्यवस्था में पुलिस को कई बड़े मामलों में डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है, क्योंकि डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं और फैसला ले सकते हैं। इस प्रणाली में पुलिस खुद ही किसी भी हालात में कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसले ले सकती है। आजादी से पहले बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था ही लागू थी।  

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