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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश 'पहले UP लोकसेवा आयोग के नाम से चिढ़ते थे युवा, अब चयन की प्रक्रिया हो गई पारदर्शी'- योगी आदित्यनाथ

'पहले UP लोकसेवा आयोग के नाम से चिढ़ते थे युवा, अब चयन की प्रक्रिया हो गई पारदर्शी'- योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को लगता था कि कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग उनके साथ धोखा कर रहा है। उन्होंने कहा कि वहां से भेदभाव, करप्शन की शिकायतें आ रही थीं।

सीएम योगी(फाइल फोटो)- India TV Hindi Image Source : PTI सीएम योगी(फाइल फोटो)

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग(Uttar Pradesh Public Service Commission) बदनाम केंद्र बन गया था, उसके नाम से युवाओं को चिढ़ होती थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को लगता था कि कहीं न कहीं यह युवाओं से धोखा हो रहा है। उन्होंने कहा कि वहां से भेदभाव, करप्शन की शिकायतें आ रही थीं। उन्होंने कहा कि अब चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है, इसलिए आप भी अपने क्षेत्र में ईमानदारी से प्रदेश के विकास में सहयोग दें और कृषि क्षेत्र में विकास की रफ्तार को ‘डबल डिजिट’ में पहुंचाने में योगदान दें। 

431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों को मिले नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को लोकभवन सभागार में उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा अधीनस्थ कृषि सेवा(Subordinate Agricultural Service) के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र को बांटा। मिशन रोजगार के तहत कुल 431 वरिष्ठ प्राविधिक सहायकों(senior technical assistants) को नियुक्ति पत्र(Appointment Letter) दिया गया। एक सरकारी बयान के अनुसार, यूपी के सीएम ने कहा कि कृषि प्रधान देश में हम सबसे बड़े कृषि प्रधान प्रदेश में निवास कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि यूपी में कृषि एक बड़ी आबादी की आजीविका का माध्यम है। प्रदेश की अत्यंत उर्वरा भूमि, पर्याप्त जल एवं मानव संसाधन, वैविध्यपूर्ण कृषि जलवायु संभावनाओं को बढ़ाती है। प्रदेश में इन संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अन्नदाताओं को समय पर अच्छी तकनीक, अच्छी बीज व समय के अनुरूप तकनीक उपलब्ध कराए जाने चाहिए। 

'प्रदेश में 6 कृषि विश्वविद्यालय, 89 कृषि विज्ञान केंद्र'

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 6 कृषि विश्वविद्यालय हैं, जिनका एम केंद्र व राज्य शासन के तहत काम करते हुए प्रदेश को ना सिर्फ अच्छे कृषि ग्रेजुएट देना बल्कि किसानों के सहयोग के लिए उन तक ट्रेंड टीम पहुंचाना भी है। भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश में 89 कृषि विज्ञान केंद्र (छोटे जनपदों में एक, बड़ों में दो) संचालित किए जा रहे हैं। 

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में प्रदेश को स्थापित करना है, तो उन सेक्टरों को चिह्नित करना पड़ेगा, जहां अच्छी संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश में कृषि, खेती-किसानी सबसे अच्छी संभावनाओं वाला क्षेत्र है। 

यूपी खाद्यान्न प्रोडक्शन में पूरी दुनिया का पेट भरने की क्षमता रखता है

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में जो क्षमता है, आगामी कुछ सालों में थोड़ा भी प्रयास कर लेंगे, बेहतरीन तकनीक, प्रामाणिक बीजों को उपलब्ध, प्रगतिशील किसानों का सहयोग लेकर तो तीन गुना क्षमता बढ़ाने की ताकत रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में पूरी दुनिया का पेट भरने की क्षमता रखता है। 2014 में बागडोर संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिशा में काफी प्रयास किए। पहली बार किसान भी शासकीय एजेंडे का हिस्सा बने।’’ 

 

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