झारखंड में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का 65 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि मतदाता सूची की एसआईआर मैपिंग प्रक्रिया गांव में 70 फीसदी से ज्यादा पूरी हो चुकी है। वहीं, शहर में यह आंकड़ा 65 फीसदी है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य सभी मतदाताओं का नाम सही-सही तरीके से दर्ज कराना है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा, "विशेष रूप से शहरी मतदाताओं से हमारी अपील है कि वे ऑनलाइन माध्यम से पिछले एसआईआर की सूची में अपना नाम खोजें। यह प्रक्रिया सरल है और आप एवीएसपी पोर्टल पर जाकर आसानी से कर सकते हैं। इसमें आपका सहयोग बहुत जरूरी है। यदि कोई त्रुटि हो तो तुरंत सुधार करवाएं। इससे आने वाले चुनावों में पारदर्शिता बनी रहेगी।"
हर मतदाता को शामिल करने पर जोर
चुनाव आयोग का जोर हर मतदाता को शामिल करने पर है। इसी वजह से बारीकी से लिस्ट की जांच की जा रही है और गांव के सभी लोगों को नई सूची में शामिल करने की पहल की जा रही है। इस प्रक्रिया में देरी के चलते कई राज्यों में अतिरिक्त समय भी दिया गया है। झारखंड में विधानसभा चुनाव होने में लंबा समय है। हालांकि, बांग्लादेश से सटा होने के कारण यहां भी घुसपैठियों की अच्छी संख्या होने से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं, ग्रामीण इलाकों में कुछ मतदाताओं से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है।
विपक्षी दल कर रहे विरोध
संसद में विपक्षी दलों ने एस्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया का विरोध किया है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि वह एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह प्रक्रिया कानूनी तरीके से होनी चाहिए। किसी को भी मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
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