झारखंड के धनबाद जिले के केंदुआडीह थाना क्षेत्र में 9 दिनों से जारी गैस रिसाव मामले में जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (CMPDI), रांची की विशेष टीम गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंची थी। CMPDI की टीम ने गैस रिसाव के क्षेत्र का विस्तृत माप करने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन कैमरे का उपयोग भी शुरू कर दिया है।
PMO और कोयला मंत्रालय गंभीर
CMPDI की टीम का नेतृत्व जियोलॉजी मैनेजर भुवनेश कुमार गुप्ता कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से बताया कि ड्रोन से मुख्य रूप से दो महत्वपूर्ण डेटा एकत्र किए जाएंगे, जो रिसाव की स्थिति ठीक समझने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय गंभीर हैं; उच्च स्तरीय टीमों ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा गया। बीसीसीएल राहत शिविर, मेडिकल कैंप चला रही है, लेकिन लोग बेलगाड़िया या करमाटांड़ शिफ्ट होने से हिचक रहे हैं।
दो महिलाओं की मौत
धनबाद जिले में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, और सबसाइडेंस व तापमान वृद्धि से विस्फोट का जोखिम बढ़ा है। गैस रिसाव से पुलिस थाने तक खतरा पहुंच गया है, जहां शिफ्टिंग की कोशिशें जारी हैं। बहरहाल इस मामले में हालात अभी भी बेहद गंभीर बने हुए हैं और जांच जारी है, गैस रिसाव बढ़ती ही चली जा रही है।
क्षेत्र को पूर्णतः असुरक्षित घोषित किया गया
गैस प्रभावित इलाके के लोग अब भी अपने घर नहीं छोड़ना चाहते हैं। बावजूद इसके कि कोल इंडिया की इकाई BCCL मैनेजमेंट लगातार लोगों से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए बेलगाड़िया स्थानांतरित होने की अपील कर रही है। विशेषज्ञों ने क्षेत्र को पूर्णतः असुरक्षित घोषित कर दिया है, जहां गैस की मात्रा कहीं-कहीं 2000 पीपीएम तक पहुंच गई है। इस क्षेत्र में मिट्टी का तापमान 67 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। (रिपोर्ट: कुंदन सिंह)
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