भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO का नाम आज पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। रक्षा क्षेत्र में DRDO भारत को नई ऊंचाइंयों तक पहुंचाया है। अब संसद में भी डीआरडीओ की कामयाबी को लेकर चर्चा हुई है। रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने संसद में पेश की गई रिपोर्ट में बड़ी जानकारी दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डीआरडीओ ने बीते 5 साल के दौरान अपने स्वदेशी रिसर्च की वजह से 2,64,156 करोड़ रुपये की राशि बचाने में कामयाबी हासिल की है।
DRDO ने हासिल किए मील के पत्थर
रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस बहात पर खुशी जाहिर की है कि बीते साल और इस साल भी डीआरडीओ की ओर से भारत के लिए अगली पीढ़ी की हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी और मिसाइलों को डेवलप करने में अहम मील के पत्थर हासिल किए गए हैं। समिति को ये जानकारी भी दी गई है कि बीते 5 साल के दौरान अपने स्वदेशी अनुसंधान के कारण 2,64,156 करोड़ रुपये की बचत करने में सक्षम रहा है।
समिति ने डीआरडीओ को दी बधाई
रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने डीआरडीओ को उसकी अनेक उपलब्धियों के लिए बधाई दी है। समिति ने भरोसा जताया है कि पर्याप्त समर्थन और स्किल्ड मैन पॉवर की मदद से डीआरडीओ भारत के लिए स्वदेशी डिफेंस रिसर्च और विकास की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए विभिन्न जटिल और अहम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी सफल प्रगति जारी रखेगा।
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