Kharmas Shopping Rules: हिंदू पंचांग में खरमास का विशेष महत्व है। यह वह समय होता है जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं और एक माह तक वहीं विराजमान रहते हैं। इस अवधि में बड़े मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश और नए जीवन की शुरुआत से जुड़े संस्कार नहीं किए जाते। लेकिन क्या खरमास में नए कपड़े खरीदना अशुभ माना जाता है? इसे सामान्य व नियमित खरीदारी माना जाता है। आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र इस बारे में क्या कहता है।
खरमास में मांगलिक कार्य क्यों नहीं होते?
जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस पूरे एक महीने को खरमास या मलमास कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करते हैं, तो उनकी ऊर्जा खर यानी कि गधे के समान धीमी हो जाती है। ज्योतिष में इसे गुरु और सूर्य की युति का कमजोर समय माना गया है। यही वह है कि मलमास के दौरान मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहते हैं। साल 2025 में खरमास 16 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 15 जनवरी 2026 तक रहेगा।
धार्मिक रूप से विशेष महत्व
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही यह समाप्त हो जाएगा। यह समय धार्मिक तौर पर बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष में सूर्य शक्ति, आत्मा और ऊर्जा के अधिपति माने जाते हैं, इसलिए इस अवधि को धार्मिक रूप से विशिष्ट माना गया है।
मांगलिक कार्य
सनातन धर्म में मांगलिक कार्य वे माने जाते हैं, जिनका सीधा संबंध जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों से होता है। इसमें विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण और उपनयन संस्कार आदि शामिल है।
नए जीवन की स्थाई शुरुआत
सूर्य का धनु राशि में प्रवेश इस अवधि को ऊर्जाहीन एवं अनुकूलता रहित बनाता है, इसलिए नए जीवन की स्थाई शुरुआत के लिए किए जाने वाले बड़े संस्कारों को इस अवधि में टालने की सलाह दी जाती है।
क्या खरमास में नए कपड़े खरीदना अशुभ है?
खरमास में नए कपड़े खरीदने पर कोई रोक नहीं है, क्योंकि कपड़े खरीदना सामान्य दिनचर्या का हिस्सा है, कोई मांगलिक संस्कार नहीं। इस खरीदारी का किसी ग्रह विशेष से नकारात्मक संबंध नहीं है। शुक्र और बुध जैसे ग्रह, जो वस्त्र और सौंदर्य से जुड़े हैं, खरमास से प्रभावित नहीं होते। इसलिए आप इस अवधि में बिना किसी संकोच नए वस्त्र खरीद सकते हैं।
नए कपड़े खरीदने का शुभ प्रभाव
- धार्मिक यात्रा या पूजा के लिए कपड़े खरीदना और भी शुभ माना जाता है।
- रोजमर्रा की जरूरतों के लिए कपड़े या अन्य वस्तुएं खरीदने में कोई बाधा नहीं आती।
- मानसिक रूप से भी नया वस्त्र सकारात्मक ऊर्जा देता है।
कब बड़ी खरीदारी रोकनी चाहिए?
हालांकि, कपड़ों की खरीदारी शुभ है, लेकिन सोना-चांदी, वाहन, संपत्ति, लाखों की निवेश संबंधित वस्तुएं आदि की खरीदारी अगर संभव हो तो मकर संक्रांति के बाद करना अधिक फलदायी माना गया है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
ये भी पढ़ें: सूर्य और गुरु की घनिष्ठ मित्रता करेगी कमाल, 2026 में इन राशियों पर किस्मत रहेगी मेहरबा