Shani Dosh Symptoms: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय और कर्म का दाता कहा गया है। जन्मकुंडली में जब शनि मजबूत स्थिति में होते हैं तो व्यक्ति को सफलता, स्थिरता और संपन्नता प्राप्त होती है। लेकिन शनि दुर्बल या पीड़ित हों तो जीवन में संघर्ष, मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान बढ़ जाता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होने पर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं और शनि को मजबूत बनाने के लिए कौन-से उपाय करने चाहिए।
कुंडली में कमजोर शनि के प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दुर्बल हों, नीच राशि में बैठें या शत्रु ग्रहों के साथ स्थित हों, तो जीवन में कई दिक्कतें आने लगती हैं। ऐसे जातक के कामों में लगातार बाधाएं आती हैं, सफलता मिलते-मिलते रुक जाती है और कार्यक्षेत्र में लोग सहयोग नहीं करते। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी बढ़ती हैं। माना जाता है कि कुंडली के पहले, चौथे, पांचवें और छठे भाव में शनि की स्थिति अनुकूल नहीं मानी जाती।
शनि दोष के लक्षण क्या होते हैं?
- शास्त्रों में बताया गया है कि शनि दोष होने पर सबसे पहले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है। धन अनावश्यक खर्चों में जाने लगता है। इसके अलावा लगातार वाद-विवाद, झूठे आरोप, कोर्ट-कचहरी के मामले बनने लगते हैं। शराब, जुआ और बुरी आदतें भी शनि दोष को बढ़ाती हैं।
- बनते काम बाधित होना, कर्ज बढ़ना, घर में आग लगने की घटनाएं, मकान खराब होना भी शनि दोष के लक्षण बताए गए हैं।
- शारीरिक रूप से इसके लक्षण है- बाल जल्दी झड़ना, आंख और कान की समस्याएं। शरीर में कमजोरी, चर्म रोग, अस्थमा, फ्रैक्चर, पैरालिसिस तक होने की संभावना रहती है।
- अगर शनि खराब हों तो मेहनत का फल नहीं मिलता और घर में अक्सर कलह बनी रहती है।
अलग-अलग भावों में कमजोर शनि के प्रभाव
- पहले भाव में शनि कमजोर हों तो आर्थिक संकट बढ़ता है।
- दूसरे भाव में शनि विवाह और ससुराल से जुड़े तनाव देते हैं।
- तीसरे भाव में मानसिक तनाव और वाहन दुर्घटना की आशंका रहती है।
- चौथे भाव का कमजोर शनि बुरी आदतों की ओर ले जाता है।
- पांचवें भाव में कमजोर शनि होने पर 48 साल तक घर न बनाने की सलाह दी जाती है।
- छठे भाव का दुर्बल शनि लोहे और चमड़े के कारोबार में बाधाएं तथा शत्रु बढ़ाता है।
- सातवें भाव में कमजोर शनि वैवाहिक तनाव और गलत संबंधों की ओर ले जाता है।
- आठवें भाव का शनि पिता को नुकसान पहुंचा सकता है।
- 11वें भाव में शनि दुर्बल हो और राहु–केतु के साथ बैठे हों तो व्यक्ति छल-कपट की ओर आकर्षित होता है।
कमजोर शनि को मजबूत करने के उपाय
ज्योतिष में शनि अमावस्या और शनिवार को किए गए उपाय अत्यंत फलदायी माने गए हैं।
- पीपल की जड़ में मीठा दूध मिश्रित जल अर्पित करने और सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि दोष शांत होता है।
- शनिवार को शनि चालीसा, शनि स्तोत्र, हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुभ माना जाता है।
- जरूरतमंदों को काले कपड़े, काले तिल, उड़द दान करना विशेष लाभ देता है।
- पीपल के पेड़ की परिक्रमा करना और शनिवार को शिवलिंग पर काले तिल मिले जल से अभिषेक करने से शनि प्रसन्न होते हैं।
- चांदी की छोटी गेंद पर्स में रखना, लोहे के कटोरे में उड़द–तेल का दान करना, गलत आदतों से दूर रहना और गरीबों की सेवा करना भी शनि के दोष दूर करता है।
- ज्योतिष की सलाह लेकर काले घोड़े की नाल या नाव की कील की अंगूठी धारण की जा सकती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)