लोकसभा में बुधवार को चुनाव सुधारों पर आयोजित चर्चा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाषण दिया। उन्होंने SIR, कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे वोट चोरी के आरोपों पर जवाब दिए। अपने भाषण में अमित शाह ने विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला और कांग्रेस को इतिहास की याद तक दिला दी। अमित शाह ने कहा कि वह सदन को वोट चोरी की तीन घटनाएं बताना चाहते हैं।
1. पहली वोट चोरी- अमित शाह ने कहा- "आज़ादी के बाद देश का प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इस पर वोटिंग हुई। उस वक्त जितने प्रांत थे, उनके कांग्रेस अध्यक्षों के एक-एक वोट का चुनाव हुआ। सरदार वल्लभभाई पटेल जी को 28 वोट मिले, और 2 वोट जवाहरलाल नेहरू जी को मिले। लेकिन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी बने।"
2. दूसरी वोट चोरी- अमित शाह ने कहा- "अनैतिक तरीके से चुनाव जीतना। इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनी गईं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह तय कर दिया कि इंदिरा गांधी ने उचित तरीक़े से चुनाव नहीं जीता, इसलिए हम उनके चुनाव को रद्द करते हैं। यह थी वोट चोरी। उस वोट चोरी को ढंकने के लिए संसद में कानून लाया गया कि प्रधानमंत्री पर केस नहीं हो सकता। फिर जब उनका यह विवाद न्यायालय में चैलेन्ज किया गया, तो केस जीतने के लिए दूसरे और तीसरे नंबर के सर्वोच्च न्यायालय के जज को बायपास कर चौथे नंबर के जज को चीफ़ जस्टिस बनाया गया और केस जीता गया।"
3. तीसरी वोट चोरी- अमित शाह ने कहा- "योग्यता नहीं है, फिर भी मतदाता बन गए। अभी दिल्ली की अदालत में एक विवाद पहुंचा है कि सोनिया गांधी जी इस देश की नागरिक बनने से पहले ही यहां की मतदाता बना दी गईं।"
इनकी हार का असली कारण इनका नेतृत्व- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- "ये वोट चोर वोट चोरी करते रहे, घुसपैठिया बचाओ यात्रा निकाली और बिहार में दो-तिहाई बहुमत से हमारी सरकार बन गई। यह नई परंपरा शुरू हुई है... देश के अंदर चुनाव न जीतें, तो चुनाव आयोग को, चुनाव प्रक्रिया को, और मतदाता सूची को बदनाम करो। इनके हारने का असली कारण इनका नेतृत्व है, EVM और मतदाता सूची नहीं। कांग्रेस के कार्यकर्ता इनसे एक दिन इसका हिसाब माँगेंगे कि इतने चुनाव कैसे हार गए।"
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