नई दिल्ली: चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने चुनाव सुधार, SIR, घुसपैठियों और विपक्ष के सवालों का खुलकर जवाब दिया। अमित शाह ने साफ किया कि SIR, वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण की प्रक्रिया है। वोटर लिस्ट में विदेशी नागरिक नहीं होने चाहिए। हम एक भी घुसपैठिया उसमें नहीं रहने देंगे। कुछ दल ऐसे हैं जिन्हें भारतीय नागरिक वोट नहीं देते, उन्हें सिर्फ विदेशी नागरिक वोट देते हैं। लेकिन अब तो वे सभी विदेशी नागरिक वोटर लिस्ट से हटने वाले हैं तो उन्हें वे वोट भी नहीं मिल पाएंगे। इसके लिए मुझे उन दलों से हमदर्दी है। इसके साथ ही अमित शाह ने ये भी बताया कि घुसपैठियों को बाहर करने के लिए सरकार कैसे काम कर रही है।
''डिटेक्ट, डिलीट & डिपोर्ट'' की रणनीति
अमित शाह ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान साफ किया कि एक भी घुसपैठिए को नहीं रहने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम डिटेक्ट, डिलीट & डिपोर्ट पर काम कर रहे हैं। पहले घुसपैठियों की पहचान की जाएगी। फिर वोटर लिस्ट से उनके नामों को डिलीट किया जाएगा। इसके बाद ऐसे अवैध घुसपैठियों को डिपोर्ट कर दिया जाएगा।
शाह ने बताया कांग्रेस की हार का कारण
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एसआईआर को लेकर भ्रम फैलाने और भारत के लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि चुनावों में कांग्रेस की हार का कारण ईवीएम या मतदाता सूची नहीं है, बल्कि उनका नेतृत्व है। एक दिन कांग्रेस के कार्यकर्ता ही इस हार का हिसाब मांगेंगे।
विदेशी नागरिकों को वोटिंग का अधिकार नहीं- शाह
अमित शाह ने आगे कहा कि संविधान, चुनाव आयोग को वोटर लिस्ट बनाने का पूरा अधिकार देता है। विदेशी नागरिकों को भारत में वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जा सकता। संविधान के आर्टिकल 326 में वोटर की पात्रता, योग्यता, और मतदाता होने की शर्तें तय हैं। इसमें पहली शर्त है कि मतदाता का भारत का नागरिक होना चाहिए। लेकिन विपक्ष कह रहा है कि चुनाव आयोग SIR क्यों कर रहा है? उसकी जिम्मेदारी है, इसलिए कर रहा है।
(इनपुट- भाषा)