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Hindi News एजुकेशन न्‍यूज कश्मीर में स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में 1.6 लाख विद्यार्थी होंगे शामिल

कश्मीर में स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में 1.6 लाख विद्यार्थी होंगे शामिल

कश्मीर में आगामी स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं (बीओएसई) में करीब 1.6 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे।

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कश्मीर में आगामी स्कूल शिक्षा बोर्ड परीक्षाओं (बीओएसई) में करीब 1.6 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा के लिए पूरे कश्मीर में 1,502 केंद्र बनाए गए हैं। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के 5 अगस्त के फैसले के बाद से कश्मीर में कुल 20.13 प्रतिशत विद्यार्थी स्कूल जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र के आस-पास सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू होगी जबकि नकल और कदाचार के अन्य तरीकों को रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण के संबंध में जांच दस्ते गठित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, 'करीब 1.6 लाख विद्यार्थी 1,502 केंद्रों पर साल के अंत में होने वाली परीक्षाओं में शामिल होंगे।'

29-30 अक्टूबर से शुरू होंगी बोर्ड की परीक्षाएं
जानकारी के मुताबिक, 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 29 अक्टूबर से शुरू होंगी, जिसमें 65,000 अभ्यर्थी 413 केंद्रों पर परीक्षा देंगे। जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 30 अक्टूबर से शुरू होंगी, जिनमें 48,000 विद्यार्थी 633 केंद्रों पर परीक्षा देंगे। वहीं, 11वीं कक्षा की परीक्षाएं 10 नवंबर से होंगी, जिसमें 47,000 अभ्यर्थी 456 केंद्रों पर होने वाली परीक्षाओं में शामिल होंगे।

कश्मीर संभागीय आयुक्त बशीर अहमद खान ने इन आगामी परीक्षाओं के लिए इंतजाम की समीक्षा को लेकर मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों को पेयजल, बिजली, परिवहन और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि उपायुक्तों को प्रत्येक जिले में परीक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही स्कूल शिक्षा बोर्ड, राज्य सड़क परिवहन निगम और पुलिस के अधिकारियों को परीक्षा नियंत्रण कक्षों का सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया है। वार्षिक परीक्षा कराने के सरकार के फैसले के साथ ही विद्यार्थी असमंजस में हैं क्योंकि लंबे समय तक स्कूल बंद रखे जाने की वजह से लगभग आधा पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है।

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