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Hindi News एजुकेशन रिजल्ट्स CLAT2018: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट का रिजल्ट घोषित, ऐसे चेक करें अपना रिजल्ट

CLAT2018: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट का रिजल्ट घोषित, ऐसे चेक करें अपना रिजल्ट

देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) का रिजल्ट घोषित हो गया है।

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नई दिल्ली: देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) का रिजल्ट घोषित हो गया है। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2018 के आज घोषित परिणाम में जयपुर के तीन दोस्तों ने प्रथम तीन स्थानों पर सफलता अर्जित की है। अमन गर्ग ने 159 प्राप्तांकों के साथ पहला स्थान जबकि उनके दोस्त देवांश कौशिक और अनमोल गुप्ता ने 157.5 प्राप्तांकों के साथ क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है। तीनों दोस्तों ने प्रवेश परीक्षा की तैयारी एक ही कोचिंग सस्थान से की है। 

देवांश कौशिक ने बताया कि हम तीनों दोस्तों ने एक ही कोचिंग संस्थान में परीक्षा की तैयारी की थी और एक दूसरे से पढ़ाई संबंधी जानकारी साझा करते थे। अब हमारा लक्ष्य बेंगलूरू की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ने का है। अनमोल ने बताया कि देवांश और उन्हें परीक्षा में 157.5 अंक प्राप्त हुए है, हालांकि देवांश ने लीगल सेक्शन में ज्यादा अंक प्राप्त करने के कारण दूसरा स्थान हासिल किया है। 

आपको बता दें कि 13 मई को इसकी ऑनलाइन परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में कुल 54 हजार अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इस रिजल्ट को clat.in पर  इस तरह से देखा जा सकता है। 

-सबसे पहले इंटनेट ब्राउजर में clat की वेबसाइट को ओपन करें। 
-वेबसाइट के होमपेज पर दिख रहे रिजल्ट आइकॉन पर क्लिक करें।
- वेबसाइट के दाहिनी तरफ ब़ॉक्स में रजिस्ट्रेशन नंबर/ रोल नंबर के साथ नीचे के बॉक्स में डेट ऑफ बर्थ दर्ज करें।
-डेट ऑफ बर्थ सबमिट करने के बाद एक कोड नंबर भरना होगा
-कोड भरते ही परीक्षा का रिजल्ट आपके स्क्रीन पर होगा।

इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एमएम शांतनगौडर की पीठ ने ऑनलाइन CLAT  में तकनीकी गड़बड़ियों का आरोप लगाने वाली कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई के दौरान  रोक लगाने से इनकार का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगाने की मांग ठुकराते हुए कहा कि परीक्षा कैंसल या रिजल्ट पर रोक तब लगाई जाती है जब इससे बहुत से लोग प्रभावित हुए हों। इस मामले में कुछ ही लोग प्रभावित हुए हैं जिनके मामले में ग्रिवांस रिड्रेसल कमेटी की जांच और सुझाव के बाद निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

आपको बता दें कि इससे पहले छात्रों की ओर से पेश वकीलों का कहना था कि 120 मिनट में 200 सवाल हल करने थे। ऐसे में एक-एक मिनट छात्रों के लिए बहुत अहम था। जबकि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बहुत से छात्रों का समय बर्बाद हुआ जिससे उनका रिजल्ट प्रभावित होगा।

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