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Hindi News लाइफस्टाइल डेटिंग Happy Valentine Day 2018: वैलेंटाइन में पढ़िए अमित और शालिनी की स्वीट सी लव स्टोरी, प्यार तो ऐसा ही होता है जनाब

Happy Valentine Day 2018: वैलेंटाइन में पढ़िए अमित और शालिनी की स्वीट सी लव स्टोरी, प्यार तो ऐसा ही होता है जनाब

आज के समय में प्यार का अर्थ बहुत ही बदल गया है। आज के प्यार को युवा आकर्षण के साथ तौल देते है और प्यार को समझ नहीं पाते है जिसके कारण कुछ दिन, माह या साल में ही उनका रिश्ता बेबुनियादी होकर टूट जाता है। और इसके बाद सिर्फ पछतावा हाथ लगता है।

shalini and amit

शालिनी की बात करें तो वह थोड़ी टॉमबॉय टाइप की थीं। उन्हें लड़को की तरह रहना, घूमना-फिरना, फिल्में देखना बहुत पसंद था। वह एक बोल्ड लड़की थीं जिसे कोई ऐसा हमसफर चाहिए था जो कि उसके जैसा हो। शायद भगवान ने पहले से ही अमित को हमसफर के रुप में चुन रखा था। अमित को भी घूमना-फिरना पसंद था और काम के प्रति लगन थी। बस एक चीज दोनों में अलग थी वह थी उनका शर्मीलापन। वह अपने काम से मतलब रखते थे और अकेले रहना पसंद करते थें। ऐसे में कैसे वह शालिनी से मिलें और क्या हुआ आगे पढ़ें...

shalini and amit

साल 2012 में अमित और शालिनी एक ही कैंपस में आ गए। अब शालिनी को अमित के साथ काम करने का मौका मिला, लेकिन ऐसा नहीं है कि काम करते-करते दोनों को प्यार हो गया। अमित आगे बताते हैं कि मेरी बात शालिनी से काम को लेकर ही होती थी। मेरे मन में न ही उनके लिए कुछ था और न ही शालिनी के मन में। बस हम अच्छे दोस्त बन गए थे।

एक बार कंपनी की तरफ से दिल्ली के एक NGO में बच्चों के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन था जिसमें वॉलेंटियर के रुप में अमित, शालिनी को अलावा 2 लोग और गए थे। अमित ने बताया, ‘मैनें और शालिनी ने वहां पर साथ में अच्छा खासा वक्त बिताया। वहां पर हमने एक-दूसरे के बारें में और फैमिली के बारें में काफी कुछ जान लिया था।’   

shalini and amit

शालिनी ने बताया कि हमारे बीच कुछ न होते हुए भी ऑफिस में हम सबसे ज्यादा फेमस कपल बन गए थे। जब मुझे इस बात का पता चला तो मैं गुस्से में कैफेटेरिया गई जहां पर अमित बैठे थे। उनकी कॉलर पकड़ मैं बोली यह सब क्या है...? ऑफिस में यह किस तरह की बातें फैली हुई है? तुम क्या चाहते हो? जो सब चल रहा है ठीक नहीं है।

यह सुन अमित को समझ नहीं आया कि ये क्या है और वह बोले कि 'वह कुछ नहीं चाहता'। यह कहकर वह चुपचाप चले गए। आगे अमित ने बताया कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं लेकिन इस तरह की अफवाहे भी सही नहीं थी इसलिए मैंने डिसाइड किया कि मैं सीधे शालिनी से शादी करूंगा और आधा घंटे बाद मैं सीधे शालिनी के पास गया और बोला कि मैं तुमसे शादी करूंगा।

शालिनी एकदम से शॉक्ड कि आखिर वह इसका रिप्लाई क्या दें, लेकिन उन्होंने हां कर दी।  वह दिन था 25 दिसंबर 2012... अब सबसे बड़ी परेशानी थी कि अमित को अपने परिवार को इस शादी के लिए मनाना था क्योंकि अमित पंजाबी ठाकुर और शालिनी केवल ठाकुर थी।  

shalini and amit

इसी बीच अमित के पिता की हार्ट सर्जरी हुई जिसको लेकर अमित और उनकी फैमिली काफी परेशान थी। इस मौके में शालिनी ने उनका पूरा सर्पोट किया। हर एक काम को ऐसा किया जैसे कोई बेटी करती है। फिर क्या अमित के मां-पापा ने भी शालिनी को अपनी बहू मान लिया।

अब दोनों को इस प्यार को शादी के मुकाम तक पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी थी। आप तो जानते है कि समाज जातिवाद का झंड़ा लेकर पहले ही खड़ा हो जाता है। अमित थे तो ठाकुर लेकिन उसके आगे था पंजाबी। यानी कि अलग...अब कैसे समझाया जाएं परिवार और इस रिश्तेदारों को कि वह भी राजपूत है।

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