A
Hindi News लाइफस्टाइल फैशन और सौंदर्य जानिए, गणेश जी को किसी भी शुभ कार्य करने से पहले क्यों पूजा जाता है

जानिए, गणेश जी को किसी भी शुभ कार्य करने से पहले क्यों पूजा जाता है

नई दिल्ली: हिन्दूधर्म में किसी भी शुभकार्य क शुरु करने के पहले गणेशजी की पूजा करना जरुरी माना गया है। चाहे वह किसी भी तरह का कार्य हो। इन्हें कई नामों सें पुकारा जाता है

वाराहपुराण में इसके बारों में दूसरा कथा है जो इस तरह है। जब देवगणों की प्रार्थना सुनकर महादेव ने उमा की ओर निर्निमेष नेत्रों से देखा, उसकी समय के मुखरूपी से एक परम सुंदर, तेजस्वी कुमार वहां प्रकट हो गया। उसमें ब्रह्मा के सब गुण विद्यमान थे और वह दूसरा रूद्र जैसा ही लगता था। उसके रूप को देखकर पार्वती को क्रोध आ गया और उन्होंने शाप दिया कि हे कुमार! तू हाथी के सिर वाला, लंबे पेट वाला और सांपों के जनेऊ वाला हो जाएगा। इस पर शंकरजी ने क्रोधित होकर अपने शरीर को धुना, तो उनके रोमों से हाथी के सिर वाले, नीले अंजन जैसे रंग वाले, अनेक शस्त्रों को धारण किए हुए इतने विनायक उत्पन्न हुए कि पृथ्वी क्षुब्ध हो उठी, देवगण भी घबरा गए। तब ब्रह्मा ने महादेव से प्रार्थना की, "हे त्रिशूलधारी! आपके मुख से पैदा हुए ये विनायकगण आपके इस पुत्र के वश मे रहें। आप प्रसन्न होकर इस सबकों ऐसा ही वर दें। तब महादेव ने अपने पुत्र से कहा कि तुम्हारे भव, गजास्व, गणेश और विनायक नाम के होंगे। यह सब कू्रर दृष्टि वाले प्रचण्ड विनायक तुम्हारे भृत्य होंगे। यज्ञादि कार्यो में तुम्हारी सबसे पहले पूजा होगी, अन्यथा तुम कार्य के सिद्ध होने मे विघ्न उपस्थित कर दोगे।" इसके अनन्तर देवगणों ने गणेशजी की स्तुति की और शंकर ने उनका अभिषेक किया। एक बार देवताओं ने गोमती के तट पर यज्ञ प्रारंभ किया तो उसमें अनेक विघ्न पडने लगे। यज्ञ संपन्न नहीं हो सका। उदास होकर देवताओं ने ब्रह्मा और विष्णु से इसका कारण पूछा। दयामय चतुरानन ने पता लगाकर बताया कि इस यज्ञ मे श्रीगणेशजी विघ्न उपस्थित कर रहे है। यदि आप लोग विनायक को प्रसन्न कर ले, तब यज्ञ पूर्ण हो जाएगा। विधाता की सलाह से देवताओं ने स्नान कर श्रद्धा और भक्तिपूर्वक गणेशजी का पूजन किया। विघ्नराज गणेशजी की कृपा से यज्ञ निर्विघ्न संपन्न हुआ।

Latest Lifestyle News