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Hindi News लाइफस्टाइल फीचर ठंड में ऊनी कपड़ों को धुलने से आप भी कतराते हैं, तो जानें कितने दिन में हर हाल में धुल लेना चाहिए?

ठंड में ऊनी कपड़ों को धुलने से आप भी कतराते हैं, तो जानें कितने दिन में हर हाल में धुल लेना चाहिए?

How Often to Wash Wool Sweaters: ठंड में लोग ऊनी कपड़ों को तो खूब पहनते हैं लेकिन जल्दी धोते नहीं है। चलिए जानते हैं इस मौसम में ऊनी कपड़ों को कितने दिन पर हर हाल में धोना चाहिए?

ठंड में ऊनी कपड़ों को कितने दिन में धोना चाहिए? - India TV Hindi Image Source : FREEPIK ठंड में ऊनी कपड़ों को कितने दिन में धोना चाहिए?

ठंड का मौसम आते ही अलमारी में सी ऊनी कपड़े निकलने लगते हैं। सर्दियों में ऊनी कपड़े की लेयरिंग सिर्फ ठंड ऐसे ही नहीं बचाती बल्कि फैशन के टेस्ट को भी बढ़ाती है। लेकिन शरीर को गर्माहट देने वाले इन ऊनी कपड़ों का अगर सही तरीके से देखभाल नहीं किया जाए तो वे बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं। दरअसल, ज़्यादातर लोग सर्दियों में ऊनी कपड़े धोने से कतराते हैं। कभी सिकुड़ने का डर या कभी उनके टेक्सचर खराब होने का डर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें कितने दिनों के भीतर साफ कर लेना जरूरी है ताकि कपड़ों की उम्र बढ़े? चलिए जानते हैं कब धोने चाहिए ऊनी कपड़े?

कब धोने चाहिए ऊनी कपड़े?

  • ऊनी स्वेटर को रोज या हफ्ते हफ्ते नहीं धोना चाहिए। दरअसल, स्वेटर के नीचे लोग अंडरशर्ट पहनते हैं जो ऊन को शरीर के तेल से बचाता है। इस वजह से ऊनी कपड़ों को धोने से पहले कपड़े को कई बार पहन सकते हैं।

  • ऊनी कपड़ों को फ्रेश रखने के लिए पहनने के बाद उन्हें हवादार जगह पर टांग दें। ऊनी कपड़ों को तभी धोएं जब वे गंदे हो जाएं। या उनमें कोई दाग लग जाए या बहुत ज़्यादा बदबू आ रही हो।

  • हालांकि, आप 4 से 5 बार पहनने के बाद इन्हें धो सकते हैं। लेकिन, अगर आप नीचे एक लेयर पहन रहे हैं तो आप और भी ज़्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • स्ट्रक्चर्ड ऊनी कोट को आप सर्दियों के सीज़न में एक या दो बार ड्राई क्लीन करें, या स्पॉट क्लीनिंग/होम ड्राई क्लीनिंग किट का इस्तेमाल करें, उससे ज़्यादा इसे न धोएं।

  • कंबल को सिर्फ़ गंदे होने पर ही धोएं। जब सर्दी का मौसम जाने लगे तब ऊनी कपड़ों को अच्छी तरह से धोएं और उन्हें स्टोर कर के रख दें।

ऊनी कपड़ों को कम धोना क्यों है बेहतर विकल्प?

ऊन के रेशे नैचुरली पानी को दूर रखते हैं और बैक्टीरिया को रोकते हैं, जिससे बदबू दूर रहती है। ऊन में नैचुरली बदबू नहीं आती और वह खुद साफ हो जाता है। बार-बार धोने से नाज़ुक ऊनी रेशे खराब हो जाते हैं, रंग फीके पड़ जाते हैं, और सुरक्षा देने वाला लैनोलिन निकल जाता है। धोना तब तक नहीं करना चाहिए जब तक वे साफ़ तौर पर गंदे या बदबूदार न हों।

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