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खुद से दवाएं लेने पर बिगड़ सकती है एलर्जी, ऐसे करें बचाव

खुद से दवाएं लेने पर एलर्जी और अधिक बिगड़ सकती है। देश के कुल आबादी के लगभग 20 से 30 प्रतिशत लोगों में एलर्जी कारक राइनाइटिस रोग मौजूद हैं। जानिए कैसे करें बचाव..

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उन्होंने कहा, "शरीर में एलर्जी पैदा होने पर हिस्टामाइन रिलीज होता है, जो एक प्राकृतिक रसायन है और शरीर को एलर्जिन से बचाता है। जब हिस्टामाइन जारी होते हैं, तो ये एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों के रूप में प्रकट होते हैं, जिसमें नाक बहना, छींकना और नेत्रों में खुजली शामिल है। हालांकि, किसी को भी एलर्जी से प्रभावित किया जा सकता है, लेकिन परिवार में पहले से ही किसी को एलर्जी हो तो बच्चों को भी यह तकलीफ होने का भय रहता है। अस्थमा या एटोपिक एक्जिमा होने पर भी अक्सर एलर्जी हो जाती है।"

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एलर्जिक राइनाइटिस के सबसे आम लक्षणों में प्रमुख हैं- छींकना, नाक से पानी बहना, खांसी, गले में खराश, खुजली और आंखों से पानी बहना, लगातार सिरदर्द, खुजली, पित्ती और अत्यधिक थकान। कुछ बाहरी कारक इन लक्षणों को खराब कर सकते हैं जैसे धुंआ, रसायन और प्रदूषण आदि।

एंटीहिस्टामाइंस, डिकंजस्टेंट्स और नाक में डालने वाला कॉर्टिकोस्टेरॉइड स्प्रे जैसी कुछ दवाएं एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि ये केवल डॉक्टर के साथ परामर्श करके ही ली जानी चाहिए।

एलर्जिक राइनाइटिस से बचने के उपाय:

  • परागकण वायुमंडल होने पर घर के अंदर रहें।
  • सुबह-सुबह बाहर जाकर व्यायाम करने से बचें।
  • बाहर से आने के तुरंत बाद एक शॉवर ले।
  • एलर्जी के मौसम में खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।
  • जब आप बाहर निकलें तो मुंह और नाक को ढंक लें।
  • अपने कुत्ते को सप्ताह में कम से कम दो बार स्नान कराएं।
  • धूल के कणों को कम करने के लिए घर में कालीन न रखें।

 

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