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प्रेग्नेंसी के समय मीठे पेय पदार्थ का सेवन करने से संतान में बढता है मोटापा

गर्भावस्था के दौरान कृत्रिम मीठे पेय पदार्थो का सेवन करने वाली महिलाओं की संतान को मोटापे का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को प्रकाशित एक नए शोध में यह पता चला है।

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हेल्थ डेस्क: आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति मोटापा से ग्रसित है, लेकिन अपने बच्चे भी इससे अछूते नहीं रह पाए है। माना जाता है कि अधिक मात्रा में जंक फू़ड के इस्तेमाल से मोटापे की समस्या ज्यादा होती है। लेकिन एक शोध में ये बात सामने आई कि शिशु का मोटापा उसकी मां के कारण होता है। यानी कि प्रेग्नेंसी के समय कृत्रिम मीठे पेय पदार्थ का सेवन करने से संतान को मोटापा का सामना करना पडता है।

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गर्भावस्था के दौरान कृत्रिम मीठे पेय पदार्थो का सेवन करने वाली महिलाओं की संतान को मोटापे का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को प्रकाशित एक नए शोध में यह पता चला है।

कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनीटोबा के मुख्य लेखक मेघन आजाद ने बताया, "हमारे अध्ययन ने वह पहला मानव साक्ष्य उपलब्ध कराया है, जो बताता है कि गर्भावस्था के दौरान कृत्रिम मीठे पेय पदार्थों की खपत शिशु के वजन परिवर्तन से जुड़ी हुई है।"

इस अध्ययन के लिए शोधार्थियों ने 3,033 मां-शिशु की जोड़ी का आकलन किया। इस दौरान मां द्वारा गर्भावस्था में लिए जाने वाले पेय पदार्थो का शिशु के बॉडी मास इंडेक्स पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया गया।

शोध में 30 प्रतिशत महिलाओं ने कृत्रिम पेय पदार्थो जैसे सॉफ्ट ड्रिंक और चाय-कॉफी के सेवन की बात स्वीकारी। वहीं 5.1 प्रतिशत महिलाओं में नियमित तौर पर इन पदार्थो का सेवन पाया गया और उनकी संतान के पहले साल में मोटापे के दोगुने जोखिम की संभावना देखी गई।

यह शोध अमेरिकी पत्रिका जेएएमए पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित हुआ है।

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