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ब्रेस्ट कैंसर से हर साल हो रही है करीब डेढ़ लाख लोगों की अकाल मौंत, ऐसे करें खुद का बचाव

भारत में एक साल में करीब 1,44,000 नए स्तन कैंसर के रोगी सामने आ रहे हैं। गलत जीवनशैली और जागरूकता की कमी के चलते भारत में स्तन कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जानिए लक्षण, बचाव और कारण...

breast cancer

समय पर उपचार की शुरुआत जरूरी :
बीएमसीएचआरसी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष एंव सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संजीव पाटनी ने बताया, "कैंसर की मुख्य रूप से चार अवस्थाएं होती हैं। प्रथम और दूसरी अवस्था में रोग की पहचान और उपचार की शुरुआत हो जाने पर रोगी को कैंसर मुक्त करना संभव होता है, वहीं तीसरी या अंतिम अवस्था में उपचार की शुरुआत से रोगी की मृत्युदर बढ़ जाती है। जागरूकता की कमी के कारण देश में अधिकांश रोगियों में रोग की पहचान तीसरी या अंतिम अवस्था में होती है।"

पाटनी ने कहा, "यही कारण है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या सर्वाधिक है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं स्वयं स्तन परिक्षण करें, 40 की उम्र के बाद मैमोग्राफी टेस्ट करवाएं। स्तन कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में उपचार की शुरुआत से अब स्तन को हटाए बगैर उपचार कर रोगी को कैंसर मुक्त किया जा सकता है।"

आधुनिक चिकित्सा से बढ़ते सरवाइवर
भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमसीएचआरसी) जयपुर के कीमोथैरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय बापना ने बताया, "आधुनिक चिकित्सा ने स्तन कैंसर के सफल इलाज की प्रतिशतता काफी बढ़ा दी है, जिसके चलते आज स्तन कैंसर सरवाइवर्स की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। आज बहुआयामी चिकित्सा पद्धती (मल्टीमोडयूलिटी ट्रीटमेंट प्रोसिजर) के कारण रोगी का उपचार उसकी स्थिति को देखते हुए सर्जरी, कीमोथैरेपी, हार्मोस थैरेपी और रेडिएशन थैरेपी के साथ तय किया जाता है। उपचार की पद्धती रोगी के रोग के आधार पर तय की जाती है।"

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