hepatitis
इस अध्ययन दल ने हैपेटाइटिस-सी से संक्रमण दर को जानने के चार समूहों का अध्ययन किया। पहला समूह जो जीवन में कभी शराब नहीं पीने वाला था, दूसरा पहले शराब पीता था, एक समूह ऐसा था जो शराब अब भी पीता था लेकिन अधिक नहीं और चौथा समूह वर्तमान समय में अधिक शराब पीने वालों का था।
जिन लोगों ने इस अध्ययन में हिस्सा लिया था और हैपेटाइटिस-सी से संक्रमित पाए गए थे। उनमें से आधे को इसका पता नहीं था कि उन्हें हैपेटाइटिस-सी है।
टेलर कहते हैं कि हैपेटाइटिस-सी के संक्रमण के साथ जी रहे सभी लोगों में आधे को तो जब वे शराब पीते थे तो उन्हें संक्रमित होने का पता भी नहीं था और न ही उन्हें सेहत को गंभीर खतरे के बारे में कोई जानकारी थी।
इस अध्ययन के द्वारा मुहैया कराई गई नई जानकारी हैपेटाइटिस-सी होते हुए भी कौन कितना शराब पीता है उस पर रोशनी डालने में मददगार है।
इससे जिन मरीजों का इलाज चल रहा है उनका और जो इसमें हस्तक्षेप चाहते हैं दोनों के लिए जो सबसे बेहतर मार्गदर्शन में इस अध्ययन का निष्कर्ष मददगार हो सकता है।
इसमें रणनीति इस पर जोर देने की होनी चाहिए कि जिन लोगों की जांच नहीं की गई है उन लोगों में हैपेटाइटिस-सी की जांच कराने के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, ताकि इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके और जो इससे संक्रमित हैं उनका जीवन बचाने के लिए उनका इलाज शुरू किया जा सके।
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