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किडनी में है स्टोन, तो रमज़ान में रोजा रखते समय करें ये काम

र्दे में पथरी समेत विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बिना एहतियात के इस भीषण गर्मी में रोजा रखना परेशानी का सबब बन सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि शरीर में पानी की कमी से गुर्दे में जटिलाएं आ सकती हैं।

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उन्होंने कहा कि जिन लोगों के गुर्दे से पथरी निकल गई है वे भी जरूर एहतियात बरतें क्योंकि उनके शरीर में पथरी बनाने वाले कारक हैंं और पानी की कमी से पथरी फिर से बन सकती है।

मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के डॉ सुदीप सिंह सचदेव ने कहा कि जिन्हें गुर्दे की बीमारी एडवांस स्तर पर है उन्हें हम रोजा रखने की बिल्कुल सलाह नहीं देते है।

उन्होंने कहा कि जो लोग शुरूआती स्तर की गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे हैं वे अपने शरीर में पानी की उचित मात्रा को बनाए रखें और इस तरह से वे रोजा रख सकते हैं। पानी पर्याप्त मात्रा में बनाए नहीं रखने पर उन्हें दिक्कत हो सकती है। डॉ सचदेव ने कहा कि उचित पानी नहीं पीने से जिनके गुर्दे में पथरी है, वहां एक और पथरी हो सकती है और जिनके गुर्दे में पहले कभी पथरी रही है तो उनके दोबारा पथरी की समस्या हो सकती है।

डॉ गुलाटी ने कहा कि पथरी वाले मरीजों के एहतियात नहीं रखने पर उनके गुर्दे में सूजन आ सकती है या पथरी का दर्द हो सकता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों को साफ्ट ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए। मांस भी हफ्ते में एक-दो बार ही खाना चाहिए। नमक का कम से कम सेवन करना और भरपूर पानी पीना चाहिये और ऐसी चीज़ों को खाने से बचना चाहिए जिनमें उच्च प्रोटिन हो है, क्योंकि इससे पथरी बन सकती है।

उन्होंने कहा कि जिनका गुर्दा आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त है, वे रोजा रख सकते हैं लेकिन उन्हें रक्तचाप की दवाइयों लेनी होती हैं क्योंकि ऐसे अधिकतर मरीजों को रक्तचाप की समस्या रहती है। उन्होंने कहा कि अब रक्तचाप की ऐसी दवाइयां आ गई हैं जिन्हें दिन में एक बार लेना ही पर्याप्त होता है।

डॉ गुलाटी ने कहा कि अगर कोई दिन में तीन बार दवाइयां ले रहा है तो उसे रमजान से पहले ही डॉक्टर से बात करके उन्हें दो बार करा लेना चाहिए और गुर्दे की दवाइयां लेते रहना चाहिए।

लेकिन जिनका गुर्दा मध्यम स्तर का या एडवांस स्तर का क्षतिग्रस्त है तो उन्हें दिक्कत हो सकती है। उन्हें डिहाईड्रेशन होने का अंदेशा रहता है और यही दिक्कत गुर्दे पर पथरी वालों को भी है।

डॉ सचदेव ने कहा कि बहुत लोगों को मधुमेह की वजह से गुर्दे की समस्या होती है तो ऐसे मरीजों की हम खुराक बदलें या दवाएं बदले तो परेशानी हो जाती है। उनके मधुमेह का स्तर एकदम से बढ़ जाता है या नीचे आ जाता है। उन्हें रोजा रखने में सावधानी बरतनी चाहिए।

 

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