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Hindi News लाइफस्टाइल हेल्थ World Sleep Day 2018: कही सैलरी आपकी नींद में तो नहीं डाल रही खलल, दोनों में है ये गहरा रिश्ता

World Sleep Day 2018: कही सैलरी आपकी नींद में तो नहीं डाल रही खलल, दोनों में है ये गहरा रिश्ता

अगर आपको नींद से संबंधित कोई समस्या है तो इसके लिए आपका वेतन भी जिम्मेदार हो सकता है। शोध कंपनी संडे मेट्रेस द्वारा किए गए एक शोध को 'द इंडिया स्लीप एंड वैलनेस सर्वे' ने जारी कर बताया कि वेतन वृद्धि और निद्रा के बीच सीधा संबंध होता है।

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हेल्थ डेस्क: अगर आपको नींद से संबंधित कोई समस्या है तो इसके लिए आपका वेतन भी जिम्मेदार हो सकता है। शोध कंपनी संडे मेट्रेस द्वारा किए गए एक शोध को 'द इंडिया स्लीप एंड वैलनेस सर्वे' ने जारी कर बताया कि वेतन वृद्धि और निद्रा के बीच सीधा संबंध होता है।

इस उम्र के लोगों पर किया गया शोध
दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में 25 वर्ष से ज्यादा आयु के 345 कामकाजी व्यक्तियों पर हुए शोध को विश्व निद्रा दिवस से एक दिन पहले प्रकाशित किया गया है। शोध के अनुसार, निद्रा और कार्यस्थल पर उत्पादकता में सीधा संबंध है।

हो जाती है अनिद्रा की समस्या
शोध में यह बात सामने आई कि पूरी नींद लेने वाले दो-तिहाई लोग कार्यस्थल पर सौ फीसदी मेहनत करते हैं। जबकि पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोग मात्र 75 प्रतिशत मेहनत करते हैं।

तीस साल से कम आयु के व्यक्ति को इससे ज्यादा आयु के व्यक्ति की तुलना में बेहतर नींद आती है। तीस वर्ष से ज्यादा आयु के वयस्कों में अनिद्रा की दोगुनी समस्या और 45 वर्ष से ज्यादा आयु वाले व्यक्तियों को अनिद्रा की तीन गुना समस्या होती है।

प्रतिदिन जागने के लिए लगभग 40 फीसदी लोग अलार्म का सहारा लेते हैं। मुंबई में सर्वाधिक 50 फीसदी लोग अलार्म का उपयोग करते हैं।

बेंगलुरू में लोग सबसे पहले (रात 10 से 11 बजे) सोने लगते हैं, वहीं मुंबई में मध्यरात्रि के बाद सोने वाले लोगों की संख्या सर्वाधिक है।

निद्रा के मामले में भी बेंगलुरू ने खुद को दिल्ली और मुंबई से बेहतर साबित किया है। इसके लिए बेंगलुरू में ध्वनि प्रदूषण का कम स्तर मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि खाना खाने के बाद दो घंटों के अंदर सोने वाले लोगों में निद्रा संबंधी समस्याएं 50 फीसदी ज्यादा होती हैं।

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