Recipe: इस सावन चखें बिहार और उत्तर भारत की ये पारंपरिक डिश अनरसा, बनाने का तरीका है बेहद आसान

सावन का नाम सुनते ही मन में तरह-तरह के स्वाद हिलोरे मारने लगते हैं। इस मौसम में घरों में कुछ ऐसे पारंपरिक व्यंजन बनते हैं जिनका स्वाद सिर्फ सावन के महीने में ही आता है। आज हम आपको बिहार और उत्तर भारत में बनने वाले मशहूर अनरसा की रेसिपी बताते हैं। अनरसा खाने में मीठा और बनाने में बहुत आसान होता है। कोरोना काल में बाजार से खरीदकर खाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको घर पर अनरसा बनाने की रेसिपी बताते हैं।
अनरसा बनाने के लिए जरूरी चीजें
चावल का आटा
पिसी हुई चीनी
सफेद तिल
देसी घी
बनाने की विधि- अनरसा बनाने के लिए सबसे पहले आप चावल का आटा लीजिए। यहां पर हमने आधा किलो चावल का आटा लिया है। अब चावल के आटे के हिसाब से आप आधा किलो से कम सफेद तिल लीजिए। अब चावल के आटे में जितना सफेद तिल डालेंगे उतना ही चीनी का बूरा लें। इन तीनों को एक साथ मिलाएं और उसमें पानी डालें। पानी बहुत ज्यादा नहीं डालें। पानी इसमें उतना ही डालें कि ये मिश्रण आसानी से हाथ से बंध सके।
सारे मिश्रण की छोटी-छोटी लोई बनानी हैं। सारी लोइयों को बना लें। अब एक कटोरी में थोड़ा सा सफेद तिल लें और सभी लोइयों को उसमें एक-एक करके लपेट दें। दूसरी तरफ कढ़ाई चढ़ा लें। कढ़ाई में देसी घी डालें और मिश्रण की लोइयों को इसमें डीप फ्राई करें। सभी लोइयों को डीप फ्राई करने के बाद उनके सुनहरा होते ही बाहर निकालें। अब आपका अनरसा खाने के लिए एकदम तैयार है।
अनरसा से जुड़ी है ये मान्यता
शास्त्रों के अनुसार अनरसा से जुड़ी एक मान्यता भी है। मान्यता के अनुसार पार्वती जी ने भोलेनाथ को पाने के लिए पूजा अर्चना की थी। पूजा के दौरान ही उन्होंने प्रसाद के रूप में अनरसा को भोलेनाथ को अर्पित किया था।
जल्दी नहीं होता खराब
अनरसा की खासियत है कि ये जल्दी खराब नहीं होता है। इसे आप फ्रिज में स्टोर करके कुछ दिन तक रख सकते हैं।