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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र करें शिव तांडव स्त्रोत के इन श्लोक का जाप, होगी हर इच्छा पूरी

करें शिव तांडव स्त्रोत के इन श्लोक का जाप, होगी हर इच्छा पूरी

हिंदू धर्म में माना जाता है कि शिव तांडव स्त्रोत करने से आपकी लाइफ में जीतने कष्ट है उनसे निजात मिलेगा। इसके साथ ही आज की जो भी इच्छाएं है वो भी पूर्ण होगी। जानिए शिव ताडंव स्त्रोत के श्लोकों के बारें में और इका जाप शुद्ध तरीके से करें। जानिए

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धर्मडेस्क: सावन का महीना चल रहा है। हर तरफ बम-बम का महोच्चार है। आज मैं आपको शिव तांडव स्त्रोत से जुड़ी एक बहुत ही रोचक बात बताने जा रहे है। यह स्त्रोत उस समय के है जब रावण ने कैलाश पर्वत को भी अपने सिर पर उठा लिया था, तब उसके अंहकार को तोड़ने के लिए शिवजी ने अपनी उंगली से एक पर्वत को दबा दिया था उसके बाद रावण ने क्षमा मांगते हुए शिव तांडव स्त्रोत पढ़ा। तब भगवान शिव जी ने रावण को माफ किया था।  (इस बार रक्षाबंधन में ग्रहण का काला साया, इस मुहूर्त में ही बांधे भाई को राखी)

हिंदू धर्म में माना जाता है कि शिव तांडव स्त्रोत करने से आपकी लाइफ में जीतने कष्ट है उनसे निजात मिलेगा। इसके साथ ही आज की जो भी इच्छाएं है वो भी पूर्ण होगी। जानिए शिव ताडंव स्त्रोत के श्लोकों के बारें में और इका जाप शुद्ध तरीके से करें। जिससे कि इसका फल आपको दोगुना से अधिक मिले। जानिए किन श्लोकों को पढ़ने से किस चीज की इच्छा पूरी होगी। (जानिए सावन में किस तरह पूजन करने से होंगे महादेव प्रसन्न)

सफलता प्राप्ति के लिए  
जटाटवीग लज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डम न्निनादवड्डमर्वयं चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम॥1॥

अगर आपको यह श्लोक कठिन रह रहा है, तो आप इस श्लोक को पढ़ सकते है। इससे भी उसी श्लोक के बराबर लाभ मिलेगा।
चकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम् |

 भगवान शंकर की विशेष भक्ति पाने के लिए
जटा कटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी। विलोलवी चिवल्लरी विराजमानमूर्धनि।
धगद्धगद्ध गज्ज्वलल्ललाट पट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥

या फिर आप इस श्लोक को पढ़ सकते है-
किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं|

भगवान शिव से खुशियां और आंनद पाने के लिए
धरा धरेंद्र नंदिनी विलाधुवंधुर- स्फुरदिगंत संतति प्रमोद मानमानसे।
कृपाकटा क्षधारणी निरुद्धदुर्धरापदि कवचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि॥3॥

या फिर
कवचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि |

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