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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र 27 अप्रैल को सूर्य कर रहा है इस नक्षत्र में प्रवेश, इस नाम के लोगों को होगी सबसे ज्यादा हानि

27 अप्रैल को सूर्य कर रहा है इस नक्षत्र में प्रवेश, इस नाम के लोगों को होगी सबसे ज्यादा हानि

सूर्यदेव के भरणी नक्षत्र में इस प्रवेश का किस नामाक्षर और नक्षत्र वाले व्यक्ति पर क्या प्रभाव होगा और उस स्थिति में शुभता सुनिश्चित करने के लिये और अशुभ फलों से बचने के लिये आपको क्या उपाय करने चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से...

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पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा और श्रवण नक्षत्र
जिनका जन्म पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा और श्रवण नक्षत्र में हुआ हो या जिनके नाम का पहला अक्षर ‘भ’, ‘ध’, ‘फ’, ‘ढ’, ‘ज’ और ‘ख’ हो, उनके घर के मुखिया को 11 मई तक कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है। अगर आप स्वयं घर के मुखिया हैं, तो आपको संभलकर रहने की जरूरत है। 11 मई तक परेशानियों से बचने के लिए किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं और भोजन में कुछ न कुछ मीठा खाने को जरूर दें। इससे आपकी परेशानियों का हल निकलेगा।

धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
जिनका जन्म धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ हो या जिनका नाम ‘ग’, ‘स’, ‘द’, ‘थ’, ‘झ’ और ‘ञ’ अक्षरों से शुरू होता हो, उन लोगों को 11 मई तक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। आपको पैसों से संबंधी कुछ दिक्कत हो सकती है। अतः अशुभ फलों से बचने के लिये और शुभ फल सुनिश्चित करने के लिए 11 मई तक धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देते रहें। इससे आपकी पैसों से संबंधी समस्या का हल होगा।

रेवती, अश्विनी और भरणी नक्षत्र
जिन लोगों का जन्म रेवती, अश्विनी और भरणी नक्षत्र में हुआ हो या जिनके नाम का पहला अक्षर ‘द’, ‘च’ और ‘ल’ हो, उन्हें 11 मई तक कोई रोग, पीड़ा व भय हो सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए 11 मई तक सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इससे आपको रोग, पीड़ा व भय से मुक्ति मिलेगी।

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