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Hindi News लाइफस्टाइल जीवन मंत्र महाभारत: ऐसा क्या हुआ कि पांडवों को अपने मृत पिता का मांस खाना पड़ा

महाभारत: ऐसा क्या हुआ कि पांडवों को अपने मृत पिता का मांस खाना पड़ा

नई दिल्ली: हम आजतक महाभारत से जुड़ी कई घटना सुन या पढ़ चुके है। लेकिन कई ऐसी घटनाएं जिनके बारें में आपने कभी नही सुना होगा। महाभारत हिंदू धर्म का प्रमुयक काव्य ग्रंथ है। इस

इसके बाद जब पाण्डु की मृत्यु हुई तो उसके मृत शरीर का मांस पांचों भाइयों ने मिल कर खाया था। इसके पीछें कारण था कि पांडु खुद चाहते थे कि उनके पुत्र उनका मांस खाएं, क्योंकि उसके पुत्र उसके वीर्ये से पैदा नहीं हुए थे। जिसके कारण पांडु का ज्ञान, कौशल उसके पुत्रों में नहीं आ पाया था। इसी कारण उसने अपनी मृत्यु पूर्व ऐसा वरदान मांगा था कि उसके बच्चे उसकी मृत्यु के पश्चात उसके शरीर का मांस मिल बांट कर खाएं जिससे उसका ज्ञान बच्चों में स्थानांतरित हो जाए।

पांडवो द्वारा पिता का मांस खाने के विषय में दो मान्यता प्रचलित है। इसके अनुसार पहली मान्यता है कि पांचो भाइयों ने मिल बांट कर मांस खाया था, लेकिन सबसे ज्यादा मांस सहदेव ने खाया था।

जबकि एक अन्य मान्यता के अनुसार सिर्फ सहदेव ने पिता की इच्छा का पालन करते हुए उनके मस्तिष्क के तीन हिस्से खाए। पहले टुकड़े को खाते ही सहदेव को इतिहास का ज्ञान हुआ, दूसरे टुकड़े को खाने पर वर्तमान का और तीसरे टुकड़े को खाते ही भविष्य का ज्ञान हो गया। सबसे बड़ा यही कारण है कि सहदेव अपने सभी भाइयों में सबसे अधिक ज्ञानी था। साथ ही वह भविष्य में होने वाली घटनाओं को भी देख लेता था।

सहदेव के भविष्य जानने के कारण उसने महाभागत का युद्ध देख लिया था। इसी कारण श्री कृष्ण को डर था कि वो और किसी से यह राज न बता दें। इसी कारण श्री कृष्ण ने सहदेव को यह श्राप दे दिया था कि अगर वह किसी से यह बात बोलेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसी कारण उसने किसी को यह बात नही बताई थी।

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