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हम इस उम्र में सीखते है दूसरों का समझना

शोधकर्ताओं ने एक नया खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगा लिया है कि चार साल के बच्चे अचानक कुछ ऐसा क्यों कर जाते हैं, जो तीन साल की उम्र में वह नहीं कर पाते, जैसे किसी दूसरे के जूते में अपना पैर डालना इत्यादि।

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नई दिल्ली: बच्चें थोड़ा बोलना सीखे नहीं कि हम सोचने लगते है कि वह हमारी बातों को भी समझने लगा है। अगर वो नहीं समझता तो आप परेशान हो जाते है और डॉक्टर के पास चक्कर लगाने लगते है। तो हम आपको बता दें कि बच्चे दूसरे की बाते एक सीमित आयु के बाद ही समझ पाते है।

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बच्चे अचानक कुछ ऐसा कर जाते हैं, जिसकी हमें उम्मीद नहीं होती। इस बारे में शोधकर्ताओं ने एक नया खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने इस बात का पता लगा लिया है कि चार साल के बच्चे अचानक कुछ ऐसा क्यों कर जाते हैं, जो तीन साल की उम्र में वह नहीं कर पाते, जैसे किसी दूसरे के जूते में अपना पैर डालना इत्यादि।

पत्रिका 'नेचर कम्युनिकेशंस' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, विकास का यह चरण मस्तिष्क की परिपक्वता से जुड़ा है, जो मस्तिष्क में मौजूद महत्वपूर्ण तंतुओं से संबंधित है।

अध्ययन के लिए जर्मनी के लिपजिग स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन कॉग्निटिव एंड ब्रेन साइंसेज (एमपीआईसीबीएस) तथा नीदरलैंड की लेडेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के दल ने सामान्य रूप से विकास कर रहे तीन तथा चार साल के 43 बच्चों के एमआरआई के आंकड़ों तथा स्वभाव संबंधित आंकड़ों का अध्ययन किया।

शोधकर्ताओं ने कहा, "हमारे निष्कर्ष में यह बात सामने आई है कि मानसिक अवस्था का उभरना विश्वास करने से संबंधित प्रसंस्करण क्षेत्रों की परिपक्वता से जुड़ा है और यह प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स से संबंधित है।"

 

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