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Hindi News मध्य-प्रदेश मणिपुर से रेस्क्यू किए गए मध्य प्रदेश के 24 विद्यार्थी, बताया वहां का आंखों देखा हाल

मणिपुर से रेस्क्यू किए गए मध्य प्रदेश के 24 विद्यार्थी, बताया वहां का आंखों देखा हाल

छात्रों ने कहा कि वे अपने घर वापस आकर बेहद खुश हैं क्योंकि मणिपुर में हो रही हिंसा ने उन्हें बेहद परेशान कर दिया था।

Manipur Violence, Manipur Violence Students, Students Rescued Manipur- India TV Hindi Image Source : PTI मणिपुर पिछले दिनों हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

इंदौर: हिंसा से बुरी तरह प्रभावित मणिपुर में फंसे मध्य प्रदेश के 24 विद्यार्थियों को बुधवार रात वापस लाया गया। प्रदेश के गृह विभाग के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इन विद्यार्थियों को फ्लाइट के जरिए रेस्क्यू किया गया। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉक्टर राजेश कुमार राजौरा ने बताया कि मणिपुर में फंसे 23 विद्यार्थियों को एक रेग्युलर फ्लाइट के जरिए कोलकाता के रास्ते इंदौर लाया गया। उन्होंने बताया कि ये विद्यार्थी अब इंदौर से अलग-अलग जिलों में स्थित अपने घरों की ओर रवाना होंगे।

‘कोलकाता के रास्ते नागपुर पहुंचा एक छात्र’
अधिकारी ने बताया कि मणिपुर में फंसा एक छात्र कोलकाता के रास्ते नागपुर पहुंचा है और वह वहां से छिंदवाड़ा में स्थित अपने घर पहुंचेगा। मणिपुर से लौटे विद्यार्थियों का कहना था कि मणिपुर में हिंसा के कारण हालात बेहद गंभीर थे। तमाम छात्र कई दिनों तक अपने हॉस्टल से बाहर नहीं निकले थे क्योंकि सूबे में हिंसा से जुड़ी डरावनी खबरें सामने आ रही थीं। छात्रों ने कहा कि वे अपने घर वापस आकर बेहद खुश हैं क्योंकि मणिपुर में हो रही हिंसा ने उन्हें बेहद परेशान कर दिया था। उन्होंने कहा कि घर वापस आकर उन्हें काफी सुकून हासिल हआ है।

मणिपुर हिंसा में मारे गए कम से कम 60 लोग
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मणिपुर में फंसे विद्यार्थियों से सोमवार को बात की थी और उन्हें पूरी मदद का आश्वासन दिया था। चौहान ने मध्य प्रदेश के छात्रों के कुशलक्षेम और सुरक्षा को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से रविवार को फोन पर चर्चा भी की थी। पिछले सप्ताह मणिपुर में हुई हिंसा में कम से कम 60 लोग मारे गए थे और 30,000 से अधिक बेघर हो गए थे। मणिपुर के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन सिंह ने बताया कि विस्थापित हुए 30,000 लोगों में से 26,000 को हिंसा प्रभावित जिलों से सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है, जबकि 4,000 लोगों ने अपने घरों के पास बनाए गए राहत शिविरों में शरण ली है।