A
Hindi News मध्य-प्रदेश बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरी लिस्ट की जारी, कई सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को दिया टिकट

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को लेकर दूसरी लिस्ट की जारी, कई सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को दिया टिकट

भारतीय जनता पार्टी की इस सूची में बहुत बड़ा उलटफेर किया गया है। पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनावों में चार लोकसभा सांसदों और तीन केंद्रीय मंत्रियों को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है।

BJP- India TV Hindi Image Source : FILE बीजेपी

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कई मौजूदा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को उम्मीदवार बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दिमनी से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, निवास विधानसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते और नरसिंहपुर से प्रहलाद सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है। इस सूची में पार्टी ने 39 सीटों ने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। तीन केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पार्टी ने चार अन्य सांसदों को भी विधानसभा चुनावों लके लिए उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने सीधी सांसद रीति पाठक, होशंगाबाद से सांसद उदय प्रताप सिंह, गणेश सिंह को सतना से और राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम से उम्मीदवार बनाया है।

इन नेताओं को मिला टिकट 

इसके साथ ही पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, इमरती देवी, रघुराज सिंह कंसाना, अमरीश शर्मा, मोहन सिंह राठौर, प्रदीप अग्रवाल, रमेश खटिक, हिरेन्द्र सिंह बनती बना,  बृजबिहारी पटेरिया, अरविंद पटेरिया, गणेश सिंह, श्रीकांत चतुर्वेदी, विश्वमित्र पाठक, दिलीप जायसवाल, पंकज टेकाम, गौरव पारधी, उदय प्रताप सिंह, नत्थन शाह, विवेक बनती साहू, ज्योति डहेरिया, गंगा बाई, नरेंद्र शिवाजी पटेल, हजारी लाल दांगी, मधु गेहलोत, अरुण भीमावत, अंतर सिंह पटेल, श्याम बरदे, कलसिंह भांवर, सरदार सिंह, मनोज पटेल, तेजबहादुर सिंह और संगीता चारेल को विभिन्न विधानसभा सीटों से टिकट दिया है।

चुनावी मैदान में क्यों उतारे गए मंत्री और सांसद? 

इंडिया टीवी के राजनीतिक संपादक देवेंद्र परासर के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी ने 3 केंद्रीय मंत्री और चार लोकसभा सांसदों को मैदान में एक बड़ी रणनीति के तहत उतारा है। पार्टी ने इस फैसले से संदेश दिया है कि इस बार अगर चुनाव में उन्हें विजय हासिल होती है तो किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से मुख्यमंत्री हैं। पार्टी इस बार राज्य में सरकार विरोधी लहर का सामना कर सकती है। इस फैसले से पार्टी इस हवा से बचना चाहती है। इसके साथ ही इन भारी-भरकम नेताओं को चुनाव में उतारकर जनता में यह संदेश दिया गया है कि इनमें से किसी को भी सीएम बनाया जा सकता है और इससे इन नेताओं के आसपास की अन्य विधानसभा सीटों पर भी असर पड़ेगा।